UP : सीबीआई ने यूपी के छह जिलों के नौ सिम डीलर्स किया नामजद

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लखनऊ, शैलेश पाल : असली ग्राहक की दो बार केवाईसी करके धोखे से दूसरा सिम एक्टिवेट करने के मामले में यूपी के छह जिलों के नौ सिम डीलर्स नामजद किए गए हैं। सीबीआई ने साइबर फ्रॉड के बड़े नेटवर्क का खुलासा किया था।

फर्जी नाम-पते से जारी सिम कार्ड के जरिये होने वाले साइबर फ्रॉड में लिप्त 39 मोबाइल सिम कार्ड डीलरों (प्वाइंट ऑफ सेल) में से नौ उत्तर प्रदेश के हैं। यह फर्जीवाड़ा प्रदेश के छह जिलों में हो रहा था। सीबीआई ने इनके ठिकानों पर बीते दिनों छापा मारा था। फर्जीवाड़े में पश्चिम बंगाल, असम, महाराष्ट्र, बिहार, तामिलनाडु और कर्नाटक के तमाम सिम कार्ड डीलर भी शामिल हैं। इन फर्जी सिम कार्ड के जरिये डिजिटल अरेस्ट, जासूसी, फर्जी विज्ञापन, निवेश संबंधी फ्रॉड, यूपीआई फ्रॉड आदि साइबर क्राइम अंजाम दिया जा रहा था।

साइबर फ्रॉड के बड़े नेटवर्क का खुलासा

सूत्रों के अनुसार साइबर क्राइम के इस फर्जीवाड़े में उत्तर प्रदेश के लखनऊ, आगरा, हाथरस, हरदोई, कन्नौज और उन्नाव के नौ डीलर सम्मिलित हैं। इनमें लखनऊ के जानकीपुरम स्थित अदिति मोबाइल रिपेयरिंग एंड एक्सेसरीज का मनोज कुमार वर्मा, उन्नाव के अमित टेलीकॉम का आशीष, आगरा के दीपक कम्युनिकेशन का दीपक माहौर, हरदोई के अंकित टेलीकॉम का अंकित कुमार व बंशीधर, हाथरस का राजीव सागर, मुकेश कुमार, न्यू सुजाता मोबाइल का धारा सिंह और कन्नौज के तिवारी किराना स्टोर का सत्यम तिवारी शामिल है।

इन सभी को सीबीआई ने अपनी एफआईआर में नामजद किया है। सीबीआई की जांच में सामने आया है कि इन सभी 39 डीलरों ने करीब 1100 सिम कार्ड फर्जी नाम पते पर बेचे थे, जो दक्षिण एशिया के देशों में साइबर फ्रॉड के लिए इस्तेमाल हो रहे थे। इनके जरिये बैंकों में फर्जी नाम से खाते खोलने के साथ मासूम लोगों को फोन करके धोखाधड़ी की जा रही थी।
इस तरह देते थे धोखा
साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर करीब 2200 शिकायतें मिलने पर इसकी पड़ताल शुरू की गई थी। जांच में पता चला कि डीलरों द्वारा सिम खरीदने वाले ग्राहक का केवाईसी कराने के दौरान उसका इस्तेमाल दूसरे सिम की बिक्री में भी कर रहे थे।

पहली बार केवाईसी को फेल बताकर वे दूसरी बार यह प्रक्रिया करते थे, जिसमें उसी नाम पते पर दूसरा सिम (गोस्ट सिम) एक्टिवेट कर दिया जाता था। इसका ग्राहक को आभास तक नहीं होता था। गृह मंत्रालय के निर्देश पर बीते वर्ष देश भर में ऐसे करीब 64 हजार सिम बेचने वाले 1930 डीलरों पर कार्रवाई शुरू हुई थी। तमाम राज्यों में फर्जी सिम बेचने वालों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

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