गोरखपुर, संवाददाता : हमास और इस्राइल के बीच छिड़ी जंग से बिगड़े हालात की वजह से उन्हें लौटना पड़ा है। सात अक्तूबर की सुबह करीब साढ़े बजे इस्राइल के समयानुसार मैं अपने कमरे में सो रहा था। तभी एक दोस्त का फोन आया। उसने कहा- सो रहे हो, जल्दी उठो और बंकर में भाग जाओ। आतंकियों ने हमला कर दिया है। वे मिसाइल दाग रहे हैं। इतना सुनने के बाद मेरी नींद उड़ गई। मैं कुछ देर तक परेशान रहा। सुरक्षित ठिकाने पर पहुंच गया।
रविवार की शाम चार बजे इस्राइल से घर लौटे हर्ष अग्रहरि ने इस्राइल के ये हालात बताए। वह मोहद्दीपुर के रहने वाले हैं। हर्ष अग्रहरि ने बताया-किसके साथ कब, क्या हो जाएगा यह सोचकर मैं ही नहीं, मेरे साथ हॉस्टल में पढ़ने वाले कई भारतीयों समेत विभिन्न देशों के करीब 200 छात्र सहमे रहे। सबको लगा कि जल्द ही सब कुछ सामान्य हो जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। धीरे-धीरे हालात बिगड़ते गए तो भारत लौटने की चिंता सताने लगी। किसी तरह आज लौट सका हूं।
वह शनिवार को इस्राइल से हवाई जहाज से उड़ान भरकर रविवार सुबह आठ बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे। वहां से शाम चार बजे घर लौटे। पिता अशोक और मां आकाशित ने बेटे के घर आने पर पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ का आभार जताया। बेटे को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराया।
त्योहार मना रहे थे लोगों पर की गोली बारी
हर्ष के साथ ही शाहपुर आवास विकास कॉलोनी निवासी हर्ष पल्लव गोविंद राव भी तेल अवीव यूनिवर्सिटी में फैकल्टी ऑफ इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में पढ़ाई कर रहे हैं। हर्ष पल्लव शुक्रवार को घर ही लौट आए थे। लेकिन हर्ष अग्रहरि की वापसी को लेकर परिवार के लोग चिंतित थे। हर्ष अग्रहरि ने बताया कि दोनों थापर यूनिवर्सिटी, पटियाला में साथ थे।
दोनों का चयन स्काॅलरशिप के जरिये तेल अवीव में होने पर पढ़ाई करने विदेश चले गए। हर्ष ने बताया कि इस्राइल में शुक्रवार और शनिवार को अवकाश रहता है। सात अक्तूबर, शनिवार को सुखोत त्योहार मनाया जा रहा था, तभी आंतकियों के हमले की सूचना फैल गई। माहौल बिगड़ने पर इस्राइल डिफेंस से जुड़े लोगों ने सभी को व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ लिया। इससे ताजा हालात के बारे में जानकारी मिलती रही।
मोदी सरकार ने दी खुशी
हर्ष का कहना है कि इस्राइल में अक्सर हालात खराब होते हैं। लेकिन इस बार मामला लंबा खिंच गया। उन्होंने भारत आने के लिए 13 अक्तूबर को फ्लाइट का टिकट बुक किया। लेकिन बैनगेरियन एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली अमीरेत की फ्लाइट 12 अक्तूबर से लेकर 20 तक निरस्त कर दी गई, इससे निराशा हुई। लेकिन तब मालूम हुआ कि भारत सरकार ने ऑपरेशन अजय शुरू किया है।
इस्राइल में मौजूद भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए भारतीय दूतावास की ओर से मेल पर सूचना दी गई। उनके साथ तीन सौ लोग दिल्ली पहुंचे। वहां से सभी अपने घरों के लिए रवाना हुए। हर्ष ने बताया कि आमदिनों में मम्मी पापा से एक या दो बार ही बात होती थी। लेकिन हालात बिगड़ने पर 10 से 12 बार बातें होेने लगींं। टीवी देखकर उनके लोग सहमे हुए थे। हर्ष का कहना है कि इस्राइल में तकनीकी का काम अच्छा है।