लखनऊ, शैलेश पाल : डिफेंस निर्माण के क्षेत्र में लखनऊ में अब लड़ाकू जहाज बनाने जा रहा है। यहां अब लड़ाकू विमान के आलावा पनडुब्बियो के उपकरण भी बनाए जाएंगे।
टाइटेनियम और सुपर अलॉय मैटेरियल से बने उपकरणों की यूरोप से अपूर्ति में देरी के चलते एचएएल को तेजस मार्क-2 के जी-4, वन-4 इंजन निर्माण करने में देरी हुई। अब ऐसा नहीं होगा। जबकि , अब इन दोनों धातुओं से बने फाइटर जेट, सबमरीन, स्पेस क्राफ्ट और एयरोइंजन में लगने वाले खास उपकरणों का निर्माण लखनऊ में ही बनाया जाएगा। इसके लिए पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड यहां कॉम्प्लेक्स स्थापित कर रही है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को ब्रह्मोस नेक्स्ट जेनेरेशन मिसाइल उत्पादन केंद्र के सामने बनने वाले इस कॉम्प्लेक्स का भूमि पूजन करेंगे। पीटीसी इंडस्ट्रीज एयरोस्पेस, डिफेंस और इंडस्ट्रियल सेक्टर में महत्वपूर्ण उपकरण बनाने वाली निजी कंपनी है। टाइटेनियम और सुपर अलॉय मैटेरियल के खास उपकरणों के लिए देश को जर्मनी, फ्रांस समेत कई यूरोपीय देशों पर निर्भर रहना पड़ता है। डिफेंस कॉरिडोर के सामने 50 एकड़ में बनने वाले स्ट्रैटजिक मैटेरियल टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स में पांच मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगेंगे। यहां एक स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग फॉर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट और एक्सिलेंस अकादमी भी बनेगी।
चार और संयंत्र होंगे स्थापित
- एयरोस्पेस प्रशेशन कास्टिंग प्लांट
- एयरोस्पेस फोर्ज्ड शाप एंड मिल प्रोडक्ट
- एयरोस्पेस प्रशेशन मशीनिंग प्लांट
- स्ट्रैटजिक पाउडर मैटर्लिजी फैसिलिटी
शोध के लिए खुलेगी अकादमी
लखनऊ में फाइटर जेट, एयरक्राफ्ट, सबमरीन समेत रक्षा क्षेत्र में उपयोग होने वाले उपकरणों का निर्माण होगा। रक्षा क्षेत्र में अध्ययन व शोध के लिए अकादमी और शोध केंद्र भी खुलेगा।- सचिन अग्रवाल, चेयरमैन और एमडी, पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड