वीर अब्‍दुल हमीद की तरह होना चा‍हिए देश प्रेम का जज्‍बा-साबिर अली

SABIR-ALI

नई दिल्ली,ब्यूरो : राष्ट्रीय राजधानी स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में परमवीर चक्र से सम्मानित वीर अब्दुल हमीद जी के जन्‍मदिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री साबिर अली ने अपने संबोधन में कहा कि हमें परमवीर चक्र विजेता अब्‍दुल हमीद जी से देश प्रेम के जज्‍बे को सीखना चाहिए। वीर अब्दुल हमीद ने अपनी अंतिम सांस भी देश के लिए
पाकिस्तान से लड़ाई लड़ी और शहीद हो गए।

यूपी के गाजीपुर जिले में जन्मे थे वीर अब्दुल हमीद

भारत देश का इतिहास गौरवपूर्ण और शौर्य की कहानियों से भरा पड़ा है। जहां आजादी की लड़ाई के लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने बलिदान और शौर्य के बलबूते ब्रिटिश हुकूमत को झुकाया था, वहीं आजादी के बाद देश के दुश्मनों को हमारी सेना के जवानों ने भी हमेशा मुंहतोड़ जवाब दिया है। जब भी हमारे देश के ऊपर खतरा मंडराया हिंदुस्तान के लाडलो ने अपनी आखिरी बूँद भी देश की रक्षा की है, ऐसे ही एक वीर योद्धा थे शहीद वीर अब्दुल हमीद।

वीर अब्दुल हमीद का जन्म 1 जुलाई, 1933 को यूपी के गाजीपुर जिले में स्थित धामूपुर गांव में हुआ था। वह 20 वर्ष की उम्र में भारतीय सेना में शामिल हो गए थे। सन 1965 के पाकिस्तान- भारत युद्ध के दौरान वीर अब्दुल हमीद की तैनाती पंजाब के तरनतारन जिले के खेमकरण सेक्टर में तैनात थे ।

इस लड़ाई में पाकिस्तान ने अमेरिकन पैटन टैंक को युद्ध के मैदान में उतारा, जो अजेय कहे जाते थे, लेकिन वीर अब्दुल हमीद ने अपनी जान की परवाह किए बिना पाकिस्तान के उन टैंकों धूल में मिला दिया था। वीर अब्दुल हमीद ने एक के बाद एक कुल 7 टैंकों को नष्ट कर दिया और अपनी आखिरी बूँद तक देश के लिए पूरे जज़्बे के साथ लड़ाई लड़े और अंत में शहीद हो गए। वीर अब्दुल हमीद के पराक्रम, शौर्य और बलिदान को देखते हुए उन्हें मरणोपरांत सर्वोच्च वीरता सम्मान परमवीर चक्र से पुरष्कृत किया गया।

समाज में एक नया सकारात्‍मक आएगा बदलाव

उन्होंने कहा कि वीर अब्‍दुल हमीद की तरह ही मानवता और देश के लिए कुर्बानी का जज्बा हम सबके अंदर होना चाहिए। आज हम ऐसे दिन बात करने आए हैं जो कुर्बानी के दिन हैं। मैं भले ही सियासी जमात का व्‍यक्ति हूं, लेकिन मेरा मानना है कि बात स्‍पष्‍टता और सत्‍यता के साथ होनी चाहिए। इस मंच से मैं कहना चाहूंगा कि इंसान को अपनी बुरे जज्‍बातों का कुर्बानी करनी चाहिए, क्‍योंकि इंसान की जहनियत ही हमारे समाज और देश की दशा और दिशा तय करती है।

कहा जाता है कि यदि 7 अच्‍छे लोगों में एक बुरा व्‍यक्ति शामिल हो जाए तो वह भी अच्‍छा हो जाता है। इसलिए ऐसे कार्यक्रम देश में होते रहेंगे तो समाज में एक नया सकारात्‍मक बदलाव आएगा। साथ ही हमें मानव जीवन की बेहतरी के लिए कुर्बानी की शुरुआत खुद से करनी होगी, जिससे हम उन कमियों को दूर कर अपने किरदार को भी बुलंद कर सकें।

सीमा और आंतरिक सुरक्षा पर पूरी चौकसी

उन्होंने कहा कि मैं भले ही सियासी जमात का व्यक्ति हूं, लेकिन मेरा मानना है कि बात स्पष्टता और सत्यता के साथ होनी चाहिए। इस मंच से मैं कहना चाहूंगा कि इंसान को अपनी बुरे जज्बातों और ख्‍यालातों की कुर्बानी करनी चाहिए। इसी से हम और हमारा समाज तरक्‍की के राह पर आगे बढ़ सकेगा। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्‍व में देश विकास के रास्‍ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है, वहीं सीमा और आंतरिक सुरक्षा पर भी पूरी चौकसी है। आज यदि भारत की ओर कोई आंख उठाकर देखने की साहस करता है तो उसकी उसी भाषा में जवाब भी मिलता है।

इस दौरान मंच पर उपस्थित अतिथि शहीद वीर अब्दुल हमीद के पौत्र जमील आलम जी, विशिष्ट अतिथि पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं दिल्ली प्रभारी भाजपा श्याम जाजू जी और थल सेना में मेजर दानिश समेत तमाम लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संयोजन नसीर इदरीसी व शहजाद अली जिला उपाध्‍यक्ष मयूर विहार अल्‍पसंख्‍यक मोर्चा भाजपा द्वारा किया गया।

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