Asian Games : अखिल और किरण ने जीता पदक, मां बोली- बेटी को खेलने से रोकते थे लोग

ASIAN-GAMES

मेरठ,संवाददाता : मेरठ की किरण बलियान ने जब एशियन गेम्स में कांस्य जीता तो मां की आंखे खुशी से छलक आईं। बताया कि एक वक्त ऐसा था कि लोग उनकी बेटी को खेलने से रोकते थे आज बेटी ने पदक से उन सभी को जवाब दिया है। वहीं बागपत के अखिल ने स्वर्ण जीतकर पिता से किया वादा निभाया है।
एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक हासिल करने वाले बागपत के अखिल श्योराण अपने क्षेत्र में अलौकिक हो गए। मेरठ की किरण बालियान की भी आभा गोला फेंक में कांस्य पदक जीतते ही जिले में फैल गई।

दोनोंं की सफलता पर परिजन और क्षेत्रवासी खुशी से उछल पड़े। हापुड़ रोड स्थित एकता नगर निवासी हेड कांस्टेबल सतीश बालियान की बेटी किरण बालियान का परिवार खुश है। कोच रोबिन से ट्रैनिग लेकर किरण ने यह मुकाम हासिल किया है।

रोबिन सिंह, माता बॉबी, भाई देव और जाट समाज से चौधरी कल्याण सिंह ने किरण को बधाई दी। देर रात तक परिवार और मोहल्ले में खुशियों की गीत बजते रहे। अखिल के गांव अंगदपुर में दादी विमला देवी , पिता रविंद्र, माँ ममता काे भी लोग बधाइयां दी गयी ।

पहले वुशू खेला, चोट लगी तो शूटिंग की शुरू

2014 में आईएसएसएफ वर्ल्ड शूटिंग चैंपियनशिप स्पेन में कांस्य, 2015 में आईएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड कप जर्मनी में कांस्य, 2016 में वर्ल्ड यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप पोलैंड में दो स्वर्ण, 2017 में अंतर्राष्ट्रीय शूटिंग कंपटीशन में जर्मनी में कांस्य मिला , 2018 में आईएसएसएफ वर्ल्ड कप मेक्सिको में स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ , 2019 में साउथ एशिया गेम्स नेपाल में रजत प्राप्त हुआ , 2023 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते।

पिता से किया वादा देश को मेडल दिलाएंगे
अखिल की पिता रविंद्र से एक दिन पहले ही बात हुई थी। तब अखिल ने पिता से वादा किया था कि वह एशियन गेम्स में देश को मेडल जरूर दिलाएगा। अखिल ने अपने पिता से किया वादा भी पूर्ण किया।

खेल के साथ पढ़ाई में अव्वल रहे अखिल
अखिल ने मेरठ के गॉडविन पब्लिक स्कूल से 12वीं 81 प्रतिशत अंक के साथ उत्तीर्ण की। उसके बाद वह वर्ष 2012 में दिल्ली में हंसराज कालेज में बीए की पढ़ाई करने गया और उसके बाद जामिया इस्लामिया से एमबीए किया। वह पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहा है।

करीब 10 साल तक मां बॉबी अभ्यास के लिए बेटी किरण के साथ सुबह की रोशनी से पहले ही कैलाश प्रकाश स्टेडियम पहुंच जातीं थीं। मां ने बताया कि किरण के पिता को लोग बेटी को खेल खिलाने से मना करते थे। लेकिन मां ने ठान लिया था, कि बेटी को एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बनाना है। अब नतीजा देश के सामने है। गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस में हेड कांस्टेबल पिता सतीश कहते हैं कि हमारे लिए जश्न के पल हैं।

दो बेटियां सब पर भारी

पुरबालियान गांव की किरण बालियान ने कांस्य जीतकर देश का मान बढ़ाया। इसी गांव की बेटी दिव्या काकरान कुश्ती में अर्जुन अवार्ड जीत चुकी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दोनों बेटियां धमाल मचा रही है।

स्टेडियम में कोच रोबिन की मेहनत रंग लाई
स्टेडियम में कोच रॉबिन सिंह से प्रशिक्षण लेकर किरण ने बुलंदियों को छुआ है। इससे पहले वो राष्ट्रीय खेल, ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी सहित 10 से ज्यादा पदक जीत चुकी हैं। वर्ल्ड पुलिस गेम्स में रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक और अब एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता है।

कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धि
साउथ एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक। एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक ।
2023 एशियन गेम्स में कांस्य पदक।
2023 में ऑल इंडिया पुलिस गेम्स में 16.87 मरीटर के नए रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक।
2022 में 36वें राष्ट्रीय खेलों में 17.14 मीटर के साथ नए रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक।
2022 में 61वीं राष्ट्रीय इंटर स्टेट में 16.84 मीटर के साथ रजत पदक।
2021 में 60वीं राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक चैंपियनशिप में 16.99 मी. के साथ स्वर्ण पदक।
2021 में राष्ट्रीय इंटर स्टेट सीनियर में 15.75 मी. के साथ कांस्य पदक।
2020 में ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी में 15.69 मीटर के नए रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

India’s cricketers will score 200 against New Zealand Designs of Mehendi for Karwa Chauth in 2024 Indian Women’s T20 World Cup Qualifiers Simple Fitness Advice for the Holidays Top 5 Business Schools in the World