REPUBLIC SAMACHAR || रामनवमी पर लगातार दूसरे साल दूरदर्शन के माध्यम से पूरी दुनिया में श्रीराम के प्राकट्योत्सव के अद्भुत दृश्य का सजीव प्रसारण भी किया गया। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विराजमान रामलला का सरयू जल, इत्र और पंचामृत से अभिषेक किया गया। पीले रंग के परिधान व आभूषणों से सुशोभित प्राकट्य की आरती की गई। 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग भी लगाया गया। प्रसाद में पंचामृत व पंजीरी का वितरण किया गया। महिलाओं ने सोहर गाकर रामलला के जन्म की बधाई दी। रामनवमी पर होने वाले इस उत्सव को अब तक का सबसे भव्य आयोजन माना जा रहा है। अस्थाई मंदिर में इस साल रामलला का यह आखिरी उत्सव था। अगले साल रामलला का प्राकट्योत्सव भव्य व दिव्य नवीन मंदिर में मनाया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने शुभकामनाएं दीं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को रामनवमी पर लोगों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि भगवान राम का जीवन हर युग में मानवता के लिए प्रेरणा बना रहेगा। मोदी ने ट्वीट किया, रामनवमी के पावन-पुनीत अवसर पर समस्त देशवासियों को शुभकामनाएं । त्याग, तपस्या, संयम और संकल्प पर आधारित मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामचंद्र का जीवन हर युग में मानवता की प्रेरणाशक्ति बना रहेगा।
राम आस्था का केंद्र : राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा कि भगवान राम केवल पत्थर, लकड़ी या मिट्टी की मूर्ति नहीं हैं, वह हमारी संस्कृति और आस्था का केंद्र हैं। भगवान राम हमारी और हमारे देश की पहचान हैं। सिंह ने कहा, हम अस्पताल, स्कूल बनाएंगे, उद्योग लगाएंगे और हम मंदिर भी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम हमारी आस्था, हमारे विश्वास और हमारे संस्कारों का केंद्र हैं।
जानकी की जन्मभूमि में बजी बधइयां
भगवान राम के जन्मोत्सव पर माता जानकी की जन्मभूमि और उनके ससुराल में विशेष उत्साह है। अपने पाहुन के प्राकट्योत्सव पर पुनौराधाम से लेकर आसपास के मंदिरों और घरों में बधइयां और मंगलगीत गाए गए। मंदिर में भगवान की विशेष पूजा-अर्चना के बाद उन्हें दिव्य वस्त्र व आभूषण से शृंगार किया गया। वहीं, मंदिरों के अलावा घर-घर में दीप जलाए गए।