Lucknow : भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान ने मनाया 73वाँ स्थापना दिवस

LUCKNOW-NEWS

लखनऊ, शिव सिंह : वर्ष 1952 में संस्थान की स्थापना के बाद से गन्ना अनुसंधान के 72 गौरवशाली वर्षों की सफल यात्रा को चिह्नित करते हुए भा.कृ.अनु.प.-भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ ने 16 फरवरी 2024 को अपना 73वाँ स्थापना दिवस बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया।

इस अवसर पर श्री प्रभु एन. सिंह, गन्ना एवं चीनी आयुक्त, उत्तर प्रदेश मुख्य अतिथि तथा डॉ. अजीत कुमार शासनी, निदेशक, सीएसआईआर-एनबीआरआई, लखनऊ और डॉ. भास्कर नारायण, निदेशक, सीएसआईआर-आईआईटीआर, लखनऊ विशिष्ट अतिथि रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ परिषद गीत एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया।

संस्थान के निदेशक डॉ. आर. विश्वनाथन ने अपने स्वागत भाषण में नई गन्ना किस्मों, गन्ना आधारित मशीनीकरण, विकसित प्रौद्योगिकियों, पेटेंट फाइलिंग, विभिन्न संस्थानों के साथ सहयोग एवं समझौता ज्ञापन, आउटरीच कार्यक्रमों, देश के अन्य राज्यों में बड़े पैमाने पर प्रजनक बीज उत्पादन तथा वर्ष भर विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन सहित आईआईएसआर की अनेक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।

प्रभु एन. सिंह ने की समारोह की अध्यक्षता

समारोह की अध्यक्षता करते हुए श्री प्रभु एन. सिंह ने 73वें वर्ष में प्रवेश करने के लिए संस्थान को बधाई दी एवं उच्च गन्ना और चीनी उत्पादन हेतु संस्थान के उत्कृष्ट योगदान और प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण के लिए उद्योगों के साथ संस्थान की साझेदारी की सराहना की तथा विभिन्न प्रकार की योजनाओं, पेट्रोल के साथ इथेनॉल मिश्रण और भविष्य में गन्ने से अधिक आर्थिक लाभ और विविध उपयोग के मुद्दों को संबोधित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. भास्कर नारायण ने नवाचार, स्थिरता और स्वास्थ्य के पहलू पर व्याख्यान दिया और हितधारकों की समस्याओं के बारे में अनुसंधान एवं विकास के बारे में विस्तार से बताया।

डॉ. ए.के. शासनी ने अपने उद्बोधन में बहुत उपयोगी सलाह देते हुए वैज्ञानिकों को सुक्रोज भंडारण क्षमता में वृद्धि के साथ गन्ने की उन्नतशील किस्मों को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया। माननीय मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों के प्रेरक शब्दों ने संस्थान के विकास के लिए विचारों को एक नई दिशा दी। इस अवसर पर बोलते हुए परियोजना समन्वयक (गन्ना) डॉ. दिनेश सिंह ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों के लिए गन्ने की किस्मों के विकास के बारे में बताया। संस्थान के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री अभिषेक श्रीवास्तव ने दर्शकों को पिछले एक वर्ष में ई-एचआरएमएस प्रणाली के कार्यान्वयन, विभिन्न सुविधाओं की खरीद और बुनियादी ढांचा विकास के बारे में जानकारी दी।

पुस्तक “उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादन तकनीकी”का किया गया विमोचन

इस अवसर पर डॉ. एस.एन. सिंह एवं श्री ब्रह्म प्रकाश द्वारा लिखित पुस्तक “उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादन तकनीकी” का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर विभिन्न श्रेणियों में ‘सर्वश्रेष्ठ’ प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को “उत्कृष्टता प्रमाण पत्र” से तथा डॉ. आर. यू. मोदी को ‘सर्वश्रेष्ठ युवा वैज्ञानिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। समारोह की समाप्ति प्रधान मंत्री मोदी जी के ‘2047 तक विकसित भारत के संदेश को प्रसारित करने वाले नुक्कड़ नाटक के साथ हुई। इस अवसर पर संस्थान के कर्मचारियों एवं छात्रों सहित कई सेवानिवृत्त कर्मी भी उपस्थित थे।

सभी का उत्साहवर्धन करते हुए कर्मचारियों और छात्रों के लिए विभिन्न मनोरंजक खेलों का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. ए.के. शर्मा, प्रधान वैज्ञानिक ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया और अपना बहुमूल्य समय देने के लिए विशिष्ट अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनिता सावनानी ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Don’t judge Yo Jong by her beauty जल्दी से वजन घटाने के लिए 7 दिन तक फॉलो करें ये डाइट प्लान खत्म हुआ हार्दिक पांड्या और नताशा स्टेनकोविच का रिश्ता? करोड़ों की मालकिन हैं कंगना रनौत बिना किस-इंटिमेट सीन 35 फिल्में कर चुकी हूं