नई दिल्ली, एजेंसी : सेना चीन सीमा पर अपनी युद्धक क्षमता को बढ़ा रही है। तोपखाना यूनिटों की जंगी क्षमता को बढ़ाने के लिए सेना विभिन्न हथियार प्रणालियों की खरीद कर रही है। इसमें 100 के-9 वज्र हॉवित्जर, स्वार्म ड्रोन, लोइटर हथियार और निगरानी प्रणालियां शामिल हैं।
सेना में तोपखाना महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अदोष कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर विचार करते हुए तोपखाना यूनिटों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्लेटफॉर्म और उपकरण खरीदे जा रहे हैं। उन्होंने शनिवार को आर्टिलरी रेजिमेंट की 198वीं वर्षगांठ से पहले कहा कि हम अभूतपूर्व गति से और निर्धारित समयसीमा के अनुसार आधुनिकीकरण कर रहे हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से हाइपरसोनिक मिसाइलों के विकास का कार्य भी प्रगति पर है।
पिनाक से मारक क्षमता का इजाफा
रॉकेटों के बारे में लेफ्टिनेंट जनरल अदोष ने कहा कि अब पिनाक रॉकेट की मारक क्षमता को 300 किमी तक बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। पिनाक मार्क-1 की अधिकतम मारक क्षमता 40 किमी है, जबकि पिनाक मार्क-2 की मारक क्षमता 90 किमी है।
लेफ्टिनेंट जनरल कुमार ने कहा कि सेना सेंसर फ्यूज्ड म्यूनिशन (एसएफएम) और विस्तारित रेंज गोला-बारूद के विकास के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों और शिक्षाविदों के साथ मिलकर काम कर रही है।