नई दिल्ली,एनएआई : भारत के खिलाफ चीन हर रोज कोई न कोई नया पैंतरा अपनाता रहता है। सीमा पर तनाव के बीच अब चीन ने नया दांव चला है। चीन ने दो भारतीय पत्रकारों का वीजा फ्रीज कर दिया है। दोनों पत्रकार अवकाश पर भारत आए थे और जब वापस जाने लगे तो उन्हें चीन ने प्रवेश देने से मना कर दिया। चीन ने ये कदम भारत सरकार के उस निर्णय के बाद उठाया है,जिसमें भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक चीनी पत्रकार को देश छोड़ने के लिए बोला था।
भारतीय पत्रकारों से डरा चीन
दरअसल, कुछ समय पूर्व भारतीय विदेश मंत्रालय ने शिन्हुआ समाचार एजेंसी के नई दिल्ली स्थित एक संवाददाता को सूचित करके बताया आपका भारतीय वीजा का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। उन्हें 31 मार्च तक देश छोड़ने को बोला गया, और तय समय के अंदर वह वापस चला गया। सिन्हुआ संवाददाता के वापस चीन लौटने के अलग-अलग कारण सामने आए हैं। कुछ लोगों का मानना था कि ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि वह बहुत लंबे समय से भारत में रह रहे थे,और उनका कार्यकाल पूर्ण हो चुका था।
वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि वह यहां अन्य गतिविधियों में भी सक्रिय थे। इसलिए भारत सरकार ने उसका वीजा नहीं बढ़ाया । इस प्रकरण में भारत की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। इसके बाद चीन ने भी दो भारतीय पत्रकारों, वीजा फ्रीज प्रसार भारती के प्रतिनिधि अंशुमन मिश्रा और द हिंदू के संवाददाता अनंत कृष्णन का वीजा फ्रीज कर दिया । दोनों पिछले दिनों अवकाश पर भारत आए थे। अब जब दोनों पत्रकार वापस जाने लगे तो चीनी अधिकारियों ने दोनों को सूचित करके बताया कि उनका वीजा फ्रीज कर दिया गया है।
चीन में अब दो भारतीय पत्रकार ही शेष रह गए हैं। इसमें प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के केजेएम वर्मा और हिंदुस्तान टाइम्स के सुतिर्थो पैट्रानोबिस के नाम शामिल हैं। मंगलवार को चीन के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि वे अभी रुक सकते हैं। कुछ वर्ष पूर्व तक बीजिंग में छह भारतीय पत्रकार कार्य करते थे, लेकिन बाद में यह संख्या घटकर चार रह गई। पिछले कुछ वर्षों में, मुट्ठी भर भारतीय पत्रकारों को भी चीनी अधिकारियों द्वारा फेलोशिप प्रदान कीरहकर गई है, जिससे उन्हें चीन में रहकर अपने मीडिया संगठनों के लिए रिपोर्ट करने की अनुमति मिली है।