आगरा, संवाददाता : अवैध धर्मांतरण कराने वाले गिरोह का नया चेहरा सामने आया है। अब तक युवतियों को जाल में फंसाने के बाद धर्मांतरण ही कराया जाता था। मगर गिरोह के चंगुल में फंसी झज्जर (हरियाणा) की महिला डाॅक्टर का धर्मांतरण के बाद एक युवक ने शारीरिक शोषण किया था। पुलिस ने डाॅक्टर को पूछताछ के लिए बुलाया था। अब उनके कोर्ट में बयान दर्ज कराए जाएंगे। पीड़ित डाॅक्टर आरोपी को सजा दिलाना चाहती हैं। इस मामले में जल्द ही एक और केस दर्ज कराया जा सकता है।
युवती होम्योपैथी की पढ़ाई कर रही थी
झज्जर जिले की रहने वाली 25 वर्षीय युवती होम्योपैथी की पढ़ाई करने के लिए ओडिशा गई थी। अपने खर्च के लिए उसने नाैकरी की तलाश शुरू की तभी गोवा की रहने वाली आरोपी आयशा उर्फ एसबी कृष्णा के संपर्क में आ गई। आरोप है कि आयशा ने उसे नाैकरी के लिए जयपुर के जुनैद से मिलवाया। जुनैद को पिछले दिनों पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वह पुलिस कस्टडी रिमांड पर है। उससे पूछताछ की जा रही है।
दोनों ने एक ग्रुप बनाकर बातचीत शुरू कर दी। आश्वासन दिया कि जुनैद उसकी पूरी मदद करेगा। बातचीत के दाैरान जुनैद अपने धर्म के बारे में उसे बताने लगा। मगर, डाॅक्टर को गीता का अच्छा ज्ञान होने के कारण वो आसानी से बात मानने के लिए तैयार नहीं हुई। जुनैद उससे झूठ बोलता रहा। एक दिन युवती अपने घर जा रही थी। तब वह उससे मिलने के लिए दिल्ली पहुंच गया। मिलने के दाैरान वह उसे अपने साथ एक घर में ले गया, जहां काजी के सामने धर्मांतरण करा दिया। उससे निकाह कर लिया। युवती को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। घर से बाहर आने के बाद जुनैद उसे अपनी पत्नी बताने लगा।
पिता दर्ज कराना चाहते हैं केस
कहा कि उसने निकाह में हां किया है। अब दोनों साथ रहेंगे। डाॅक्टर घबरा गई। आरोप है कि वह जबरन अपने साथ रखने का दबाव बनाने लगा। बदनाम करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने लगा। बाद में उसका शारीरिक शोषण भी किया। वह किसी तरह उसके चंगुल से निकलना चाहती थी। आगरा में धर्मांतरण गिरोह के चंगुल में फंसे लोगों से पुलिस संपर्क कर रही है। इसी बीच पुलिस ने उसे ढूंढ लिया। उसके बयान दर्ज किए गए हैं। पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि झज्जर की महिला डाॅक्टर से युवक ने निकाह किया था। बयानों में पीड़िता ने कई बातें बताई हैं। डाॅक्टर के कोर्ट में बयान दर्ज कराए जाएंगे।
महिला डाॅक्टर के पिता मजदूरी करते हैं। इसके बावजूद वह बेटी को डाॅक्टर की पढ़ाई करा रहे थे। 10 हजार रुपये हर महीने भेजा करते थे। इसके बावजूद खर्च पूरा नहीं हो पाता था। बेटी के परेशान रहने पर पिता भी चिंतित थे। पूछने पर भी डाॅक्टर ने पिता को कुछ नहीं बताया था। यही कहा था कि पढ़ाई की चिंता है। अब उन्हें पता चला तो वो सन्न रह गए। अब वो आरोपी को सजा दिलाना चाहते हैं। पुलिस का कहना है कि मामले में झज्जर जिले में केस दर्ज कराया जाएगा।