नई दिल्ली, रिपब्लिक समाचार, संवाददाता : भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण फलों को पकाने के लिए केमिकल का प्रयोग करने पर कड़ा रूख अपनाया है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने व्यापारियों, फल विक्रेताओं और खाद्य व्यापार संचालकों (एफबीओ) को फलों को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए प्रतिबंधित कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग न करने के लिए चेतावनी दी है। तो वहीं एफएसएसएआई ने स्पष्ट रूप से कहा है कि दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कैल्शियम कार्बाइड से निकलने वाली गैस है नुकसान दायक
एफएसएसएआई ने फलों को पकाने के लिए एथिलीन जैसे पदार्थों का अच्छे ढंग से उपयोग करने को कहा है। एफएसएसएआई नेअपने बयान में कहा कि फलों को प्राकतिक ढंग से पकाने के लिए खाद्य सुरक्षा और मानक 2011 के उप-विनियमन के नियम के तहत के कैल्शियम कार्बाइड के प्रयोग पर प्रतिबंधित किया जा चुका है। कैल्शियम कार्बाइड से निकलने वाली एसिटलीन गैस फल पकाने में शामिल लोगों के लिए भी उतनी ही नुकसानदायक है। जितना यह फल का सेवन करने वालों के लिए है।
एफएसएसएआई ने देखा कि व्यापारी/हैंडलर अभी भी प्रतिबंधित सामग्री यानी कैल्शियम कार्बाइड का प्रयोग फल पकाने के लिए कर रहे हैं। तो वहीं उन्होंने देखा कि व्यापारी/हैंडलर एथिलीन गैस के स्वीकृत मानको का गलत ढंग से प्रयोग कर रहे हैं। इसलिए एफएसएसएआई ने निर्देश दिया है कि सभी व्यापारियों/फल संचालकों/एफबीओ के संचालन कक्षों को निर्देशों का कड़ाई से पालन करना है।
FSSAI के आदेशों का पालन न करने पर कठोर कार्रवाई
एफएसएसएआई के अनुसार फलों को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए गलत तरीके से एथिलीन के स्वीकृत मानकों का उपयोग करने या किसी भी प्रतिबंधित सामग्री का उपयोग करने से पहले परहेज करने का निर्देश दिया जाता है। तो वहीं दोषी पाए जाने पर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी । FSSAI ने कहा कि फलों का पकना एक प्राकृतिक घटना है जो ग्राहकों के लिए फलों को खाने योग्य, पौष्टिक बनाता है।
एफएसएसएआई ने व्यापारी/हैंडलर के साथ-साथ उपभोक्ताओं से यह भी निवेदन किया गया कि यदि वे फलों में कैल्शियम कार्बाइड (मसाला) मिलता हैं या पकाने वाले फलो को एजेंट द्वारा कोई गलत ढंग से देखते हैं तो उपभोक्ता तत्काल इसकी जानकारी खाद्य सुरक्षा के राज्य आयुक्तों को दे सकते हैं। जिसके बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी ।