नई दिल्ली,रिपब्लिक समाचार एंटरटेनमेंट डेस्क : फिल्म ‘बाजी’ के गाने की रिकॉर्डिंग के दौरान गुरुदत्त की गीता दत्त से निगाहें टकराईं। पर दोनों में कोई बराबरी नहीं थी। गीता शौहरत की बुलंदियों पर थीं, तो गुरुदत्त अपना मुकाम बना रहे थे। गीता दत्त बहुत सुंदर थी । दोनों लोगो का तीन साल तक प्रेम समबन्ध चलने के बाद 1953 में शादी कर लिया । गीता के तीन बच्चे हुए। जाने कब गीतादत्त और गुरुदत्त में दूरियां बढ़ गईं। गुरुदत्त को जानने वालों लोगो की कही बातें सुने तो रिश्ते में किसी तीसरे की वजह से ज्यादा, दोनों में अहम का टकराव था।
क्या थी गीता-गुरु के बीच अलगाव की वजह !
गीतादत्त गुरुदत्त को बहुत ही प्यार करने के बाद भी गुरुदत्त की जिंदगी में जाने कौन सा कोना खाली रह गया था, जिसके बाद वहीदा रहमान ने भरा। वहीदा रहमान जानती थीं कि गुरुदत्त शादीशुदा व्यक्ति हैं, इस रिश्ते में आगे बढ़ने का मतलब गुरुदत्त और गीता का तलाक होना , इसलिए इस संबंध को उन्होंने कभी नहीं स्वीकार किया । दूसरी तरफ गीतादत्त के मन में पति के चले जाने का डर दिमाग में बैठ गया था कि उन्होंने फिल्मों में वहीदा के लिए गाना तक बंद कर दिया।
गीतादत्त किसी भी प्रकार से वहीदा रहमान को स्वीकार करने को तैयार नहीं थीं। वो अपनी आवाज तक वहीदा को नहीं देना चाहती थीं भले ही गुरुदत्त फिल्मों में ही क्यों ना हो। गुरुदत्त के बारे में कहा जाता है कि वो मस्तमौला फिल्मकार थे। ऐसी ही 1963 की एक शाम को करीब चार बजे, अपने पाली हिल वाले बंगले के बाहर गीता दत्त को बांग्ला तोड़ने की आवाज सुनाई दी। गीता दत्त ने बाहर जा कर देखा तो कुछ लोग उनके बंगले को तोड़ रहे थे।