नई दिल्ली, एजेंसी : ईरान समर्थित आतंकी संगठन हाउती के लाल सागर और आसपास के क्षेत्र में जहाजों पर हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे। ताजा घटनाक्रम में इस आतंकवादी संगठन ने शुक्रवार को अदन की खाड़ी में ब्रिटिश तेल टैंकर एमवी मार्लिन लुआंडा पर मिसाइल से हमला कर दिया। इस के कारण टैंकर में आग लग गई। लेकिन किसी के जान-माल के नुकसान कीसूचना नहीं है। टैंकर के चालक दल के सदस्यों में 22 भारतीय मूल के और एक बांग्लादेशी सम्मिलित है।
मदद के लिए पहुंचा आइएनएस विशाखापत्तनम
उधर हमले के बाद, भारतीय नौसेना ने शनिवार को ब्रिटिश टैंकर की मदद के लिए मिसाइल विध्वंसक आइएनएस विशाखापत्तनम भेज दिया गया है और सेना किसी भी हालात से निपटने के लिए सेना ने ब्रिटिश तेल टैंकर पर एक टीम भी उतार दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटिश तेल टैंकर के संचालक ने कहा कि जहाज के लाल सागर पार करने के बाद अदन की खाड़ी में प्रवेश करने के बाद उस पर एक मिसाइल से हमला कर दिया गया।
विदेशी मीडिया की खबरों के मुताबिक , मिसाइल हमले के बाद टैंकर में आग लग गई थी। इस घटना को अदन की खाड़ी के प्रमुख समुद्री मार्ग पर हूती विद्रोहियों ने अंजाम दिया। उधर, भारतीय नौसेना के प्रवक्ता के अनुसार , एमवी मार्लिन लुआंडा के अनुरोध पर आइएनएस विशाखापत्तनम ने संकट में फंसे इस जहाज पर अग्निशमन उपकरणों के साथ अपनी एनबीसीडी टीम को तैनात किया है।
समुद्र में जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध
भारतीय नौसेना बोली की हम व्यापारिक जहाजों (एमवी) की सुरक्षा और समुद्र में जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। व्यापारिक जहाजों पर हमलों की हालिया घटनाओं के मद्देनजर भारतीय नौसेना ने अरब सागर और अदन की खाड़ी में अग्रिम पंक्ति के विध्वंसक और पोत तैनात करके अपने निगरानी तंत्र को काफी बढ़ा दिया है।
चालक दल के सभी सदस्यों को सुरक्षित बचाया
इससे पूर्व इसी माह भारतीय नौसेना 17 जनवरी की रात्रि को अदन की खाड़ी में एमवी जेनको पिकार्डी पर ड्रोन हमले की सूचना मिलने के बाद उसकी मदद को उतरी थी। यही नहीं, पांच जनवरी को उसने लाइबेरिया के ध्वज वाले जहाज एमवी लीला नारफोक के उत्तरी अरब सागर में अपहरण करने के प्रयास को विफल कर दिया था और उसके सभी चालक दल के सभी सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया था।
इस के पहले 21 भारतीय चालक दल के सदस्यों वाले लाइबेरिया के ध्वज वाले जहाज एमवी केम प्लूटो को 23 दिसंबर को भारत के पश्चिमी तट के पास ड्रोन हमले से निशाना बना दिया गया था। उसको भी नौसेना सुरक्षित तट तक लेकर आई थी।