लखनऊ, देवेंद्र यादव ||8 जून को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कि हत्या का जश्न मानने को लेकर नींद की। एस जयशंकर बोले, “मुझे लगता है इसमें एक बड़ा मुद्दा शामिल है। और सीधे तौर पर कहूँ तो यहाँ वोट बैंक की राजनीति के अलावा और क्या वजह हो सकती है? मुझे लगता है कि अलगाववादियों, चरमपंथियों, हिंसा की वकालत करने वाले लोगों को दी जाने वाली जगह के बारे में एक बड़ा अंतर्निहित मुद्दा है। मुझे लगता है कि यह रिश्तों के लिए अच्छा नहीं है, कनाडा के लिए अच्छा नहीं है।”
कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा एक 5 किलोमीटर लंबी झांकी निकली गई। इस झांकी में 1984 में हुई भारत की पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या प्रदर्शित की गई। इसमें इंदिरा गांधी को खून में लथपथ साड़ी में हाथ ऊपर किए हुए दिखाया गया है, दूसरी तरफ उनके दो बॉडीगार्ड्स हाथ में बंदूक लिए गोली मरते दिखाए गए है।
इस मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार को दखल देने की मांग की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इसे नीच हरकत करार दिया है।
कनाडा की प्रतिक्रिया-
भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून इस घटना की नींदा करते हुए बोलते है, “कनाडा में एक कार्यक्रम की रिपोर्ट से मैं स्तब्ध हूं, जिसने दिवंगत भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाया। नफरत या हिंसा के महिमामंडन के लिए कनाडा में कोई जगह नहीं है। मैं स्पष्ट रूप से इन गतिविधियों की निंदा करता हूं।”
क्या है 1984 की घटना-
31 अक्टूबर 1984 को भारत कि पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी। इस दिन प्रधानमंत्री के निवास स्थान पर उनके ही दो अंगरक्षकों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी।