काठमांडू (नेपाल), एजेंसी : मानसून के बाद से नेपाल में मृतकों की संख्या बढ़कर 62 हो गई है और 90 अन्य लोग घायल हो गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि मानसून से संबंधित इन मृत्युओं का मुख्य कारण भूस्खलन, बाढ़ और आकाशीय बिजली गिरना है। नेपाल के गृह मंत्रालय के अनुसार , हिमालयी राष्ट्र में मानसून की शुरुआत से ही लगातार वर्षा हो रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मानसून में नेपाल में औसत से अधिक वर्षा होने की संभावना है।
गृह मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन प्राधिकरण के रिकॉर्ड के मुताबिक, भूस्खलन,बाढ़ और बिजली गिरने जैसी मानसून से संबंधित विभिन्न आपदाओं में अब तक 62 लोगो की मृत्यु हो गयी हैं। प्राधिकरण के मुताबिक, चार लोगों का अभी भी पता नहीं चल पाया है।
केंद्र के मुताबिक , शनिवार को बाढ़ के कारण डांग में तीन, कैलाली में एक,मोरंग में एक, कवरेपालनचौक में दो, उदयपुर में एक और पाल्पा में 9 लोगों की मृत्यु हो गई।
पांच घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। 11 घर आंशिक रूप से नष्ट हुए हैं। इसी तरह, भूस्खलन के कारण 34 लोगों की मृत्यु हो गई। प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक , भूस्खलन के चलते दो लोग लापता हो गए और 38 लोग घायल हो गए।
इसी तरह भूस्खलन से 43 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं और 24 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 19 शेड नष्ट हो गए और 12 लोग घायल हो गए। वहीं, नेपाल में बाढ़ के कारण 11 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं और छह घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
बिजली गिरने से 19 लोगों की मृत्यु
आंकड़ों के मुताबिक , बिजली गिरने से 19 लोगों की मृत्यु हो गई और 35 लोग घायल हो गए। प्राधिकरण के प्रवक्ता डॉ. दीजन भट्टराई बोले “बाढ़, भूस्खलन, जलप्लावन और बिजली गिरने जैसी मानसून से जुड़ी घटनाएं अभी भी बढ़ रही हैं। हम नुकसान को कम करने के लिए संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय करके आगे बढ़ रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि इस वर्ष अनुमान है कि औसत से अधिक वर्षा होगी और 1.8 मिलियन लोग इससे प्रभावित होंगे, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है। उनके अनुसार इस साल मानसून अवधि के दौरान अनुमान है कि मानसून से जुड़ी आपदाओं से 412 हजार घर प्रभावित होंगे। मौसम विभाग के प्रवक्ता सुनील पोखरेल ने कहा कि सोमवार से पूरे देश में बाढ़ का खतरा कम हो जाएगा।