बुधवार से शुरू हो रहे मुख्य द्वार के मैचों में सिंधु की नजर चैंपियनशिप में तीसरा कांस्य पदक जीतने पर, पिछले साल मनीला में जीता था दूसरा पदक
ओलंपिक में 2 पदक जीतने वाली पीवी सिंधु सहित भारत के स्टार खिलाड़ी बुधवार से यहां होने वाली एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में बेहतर प्रदर्शन करने उतरेंगे । हालांकि खेल प्रेमियों को 48 साल से दूसरे स्वर्ण पदक का इंतजार है जिस की राह आसान नहीं होगी। भारत का एकमात्र स्वर्ण 1965 में दिनेश खन्ना ने जीता था।
आसान नहीं होगी राह
मुख्य दौर के मुकाबले बुधवार से शुरू होंगे । हालांकि भारत के लिए पदक जीतना आसान नहीं होगा क्योंकि कुछ समय से उसके शीर्ष खिलाड़ी संघर्ष कर रहे हैं। भारत को अगर स्वर्ण के इस इंतजार को खत्म करना है तो सिंधु, एचएस प्रणय और लक्ष्य सेन को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। चोट से उबरने के बाद वापसी करने वाली सिंधु पहला मैच ताइवान की वें ची सू से खेलेंगी। पुरुष एकल में विश्व के नौवें नंबर के खिलाड़ी प्रणय का पहला मुकाबला म्यांमार के फोन प्यारे नईंग से होगा। जबकि किदांबी श्रीकांत बहरीन के अदनान इब्राहिम का सामना करेंगे।
पुरुष युगल में उम्मीद
पुरुष युगल में इस साल के शुरू में स्विस ओपन का खिताब जीतने वाले सतविक साइराज और चिराग शेट्टी की जोड़ी से उम्मीद है। वे तान की यान मेंग और तान वी की मलेशियाई जोड़ी से पहला मैच खेलेंगे।
राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य विजेता त्रीसा जोली और गायत्री गोपीचंद की महिला जोड़ी पहले दौर में इंडोनेशिया की लनी त्रिया मायासारी और रिबका सुगायर्तो से खेलेंगी। अश्विनी भट्ट और शिखा गौतम तथा हरता मंझिल और आशना रॉय भी चुनौती पेश करेंगी।
लक्ष्य को मुश्किल चुनौती
खराब फॉर्म में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन लक्ष्य के लिए पहली चुनौती आसान नहीं है। पहले दौर में उनका सामना पूर्व विश्व चैंपियन सिंगापुर के लोह कीन से होगा । महिला एकल में मालविका बांसोड़ शीर्ष वरीय जापान की अकाने यामागुची से भिड़ेगी जबकि आकर्षी कश्यप का सामना इंडोनेशिया की कोमांग आयु देवी से होगा।