लखनऊ,रिपब्लिक समाचार,संवाददाता : लखनऊ मेयर के लिए मुलायम की बहू अपर्णा यादव प्रमुख दावेदारों में, एक और पूर्व सीएम की बहू चर्चा में लखनऊ महापौर के पद लिए के लिए पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बाबू बनारसी दास की बहू अलका दास और मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव का नाम प्रमुख दावेदारों में है।
पिछले 20 वर्षो से मेयर की सीट पर भाजपा का कब्जा
मेयर की सीट के लिए भाजपा से पूर्व व मौजूदा डिप्टी सीएम की पत्नियों के अतिरिक्त दो पूर्व सीएम की बहुएं भी चुनावी मैदान में ताल ठोंक रही हैं। महिला सीट होने के साथ इनके नामों पर तेजी से चर्चा चल रही है। दावेदारी तो दूसरो की भी है, लेकिन इन लोगो को प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। ऐसे में मेयर सीट को लेकर होने वाला चुनाव मजेदार होगा।
पिछले 20 वर्षो से मेयर की सीट पर लगातार भाजपा का कब्जा बना हुआ है। इस के पहले यह सीट कांग्रेस के पास थी। शहर की दूसरी महिला महापौर बनने के लिए कई बड़े नामो की चर्चा में हैं। इनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री व पूर्व महापौर डॉ. दिनेश शर्मा की पत्नी जय लक्ष्मी शर्मा का नाम प्रमुख है। नम्रता पाठक वर्तमान उप मुख्य मंत्री ब्रजेश पाठक की पत्नी का नाम भी चर्चा में है। पिछले चुनावो में भी इनका नाम उछला था।
अलका दास पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बाबू बनारसी दास की बहू है और अपर्णा यादव पूर्व मुख्य मंत्री स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की बहू का नाम भी प्रमुख लोगो की रेस में कहा जा रहा है। अपर्णा इस समय भाजपा में हैं। रेशू भाटिया निर्वतमान महापौर संयुक्ता भाटिया की बहू है पूर्व मुख्य मंत्री स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की बहू के नाम की भी चर्चा जोरो में है। इसके आलावा विधायक नीरज बोरा की पत्नी बिंदु बोरा और माधुरी हलवासिया भाजपा नेता सुधीर हलवासिया की पत्नी का भी नाम जोरों पर है।
इन लोगो की भी दावेदारी मजबूत
समाजवादी पार्टी से पिछली बार मीरा वर्धन ने चुनाव लड़ा था। इस बार भी उनकी दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है। चर्चा है कि पार्टी में उनसे बेहतर प्रत्याशी कोई सामने नहीं आया है। कांग्रेस से पिछली बार प्रेमा अवस्थी ने चुनाव लड़ा था । इस बार पार्टी में उनके नाम की चर्चा कम है। पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता प्रियंका गुप्ता की चर्चा ज्यादा है। दावेदारी को लेकर उनकी ओर से मजबूती से प्रयास किया जा रहा है।
बीते वर्ष जब सीट अनारक्षित प्रस्तावित थी, तब कारोबारी राजेश कुमार जायसवाल का नाम पार्टी में पहले नंबर पर था। सीट महिला होने के बाद प्रियंका की दावेदारी मजबूत कही जा रही है। इसका एक कारण यह भी है कि प्रियंका गुप्ता को प्रियंका गांधी का नज़दीकी कहा जाता है। उधर, बसपा से पिछली बार बुलबुल गोदियाल चुनाव में थीं, मगर बसपा से इस बार अभी किसी दावेदार के नामो की चर्चा नहीं है।