नैक में ए प्लस प्लस ग्रेड पाने वाला और देश के बेहतरीन शिक्षण संस्थानों में शुमार लखनऊ विश्वविद्यालय 103 वर्षों की यात्रा पूरी कर शनिवार को 104वें साल में प्रवेश करेगा। 150 वर्ष से भी पुराने शैक्षणिक इतिहास वाले लविवि में शनिवार को धूमधाम से स्थापना दिवस समारोह मनाया जाएगा। इस दौरान होने वाले सांस्कृतिक आयोजन में सुरों से शाम सजेगी।
पूर्व छात्रों को किया जाएगा सम्मानित
विवि के स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि केंद्रीय उच्च शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी होंगी। अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल करेंगी। कार्यक्रम में राजनीति, विज्ञान, सिविल सेवा, न्यायपालिका व पत्रकारिता के क्षेत्र में सेवा दे रहे विवि के सात पूर्व छात्रों को सम्मानित किया जाएगा।
इनमें इसरो की वरिष्ठ वैज्ञानिक ऋत् करिधाल, वैज्ञानिक डॉ. अश्वनी कुमार सिंह न्यायमूर्ति एआर मसूदी असम के पुलिस महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश कुमार शुक्ला, नेपाल के सांसद रमेश लेखक, न्यूज एंकर व पत्रकार प्रतीक त्रिवेदी शामिल हैं। कार्यक्रम में विवि की कॉफी टेबल बुक लॉन्च की जाएगी सांस्कृतिक आयोजन के दौरान प्रो. मधुरि लाल बेगम अख्तर की गजलें पेश करेंगी।
कैनिंग कॉलेज बना लखनऊ विश्वविद्यालय
भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड चार्ल्स कैनिंग की मौत के बाद अवध के ताल्लुकेदारों ने उनके सम्मान में स्कूल खोलने की इच्छा जताई। एक मई 1864 को हुसैनाबाद में कैनिंग कॉलेज व स्थापना हुई, जो लखनऊ विश्वविद्यालय बना। खान बहादुर शेख सिद्दीकी की कि अंजुमन-ए-हिंद में इसका विस्तृत ब्योरा है। ताल्लुकेदारों ने 27 फरवरी 1864 को में प्रस्ताव पास किया कि सभी ताल्लुकेदार मालगुजारी का एक फीसदी हिस्सा शिक्ष संस्थान के लिए देंगे। आधा फीसदी कैनिंग कॉलेज और आधा फीसदी उस संस्थान के लिए जिसमें ताल्लुकेदारों के बच्चे पढ़ेंगे। ताल्लुकेदार्स के बच्चों के लिए यह विशिष्ट संस्थान कॉल्विन ताल्लुकेदास रूप में वर्ष 1889 में सामने आया। इससे पहले सभी के बच्चे कैनिंग कॉलेज में ही पढ़ते रहे।