झाँसी, संवाददाता : झांसी और कानपुर में ट्रेन पलटाने की साजिश के पीछे एनआईए और एटीएस को मदरसा कनेक्शन के भी सुराग मिले हैं। सुरागों के मुताबिक ऑनलाइन माध्यमों का इस्तेमाल करके युवाओं का ब्रेन वॉश किया जाता है। इसके जरिये कट्टरपंथी बने युवाओं का देश विरोधी कार्यों में इस्तेमाल होता है। इनका मदरसों से भी कनेक्शन है। इसी की कड़ियां जोड़ने के लिए जांच एजेंसियां कई जगह छापा मार रही हैं। इसके साथ ही विदेशी फंडिंग के सूत्र भी खंगाल रही हैं। इसी वजह से दोनों एजेंसियां बृहस्पतिवार को झांसी पहुंचीं थीं।
मदरसा शिक्षक मुफ्ती खालिद से हुई पूछताछ
यहां मदरसा शिक्षक मुफ्ती खालिद नदवी से 18 घंटे पूछताछ की गई थी। पुलिस लाइन लाते समय भीड़ ने पुलिस और जांच टीम से धक्कामुक्की कर मुफ्ती को छुड़ा लिया था। बाद में पुलिस उन्हें लेकर गई थी। पूछताछ के बाद देर रात उन्हें छोड़ दिया था। धक्कामुक्की करने और सरकारी काम में बाधा डालने पर पुलिस ने 11 नामजद सहित 100 लोगों पर केस दर्ज किया है।
आरोपियों को पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है। तीन माह के दौरान झांसी और कानपुर के आसपास साबरमती एक्सप्रेस, कांलिदी एक्सप्रेस जैसी अहम ट्रेनों को पलटाने की कोशिश हुई। वंदे भारत पर भी पथराव हुआ। इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और उप्र आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के साथ आईबी कर रही है। एनआईए टीम कई जगह छापा मार चुकी है।
वीडियो से ब्रेन वॉश कर उकसा रहे
जांच में पता चला कि ऑनलाइन माध्यम से दीनी तालीम देने वाले कई लोगों के ऐसे वीडियो भी सामने आए जिसमें फॉलोअरों को ट्रेन को पटरी से उतारने के लिए उकसाया गया। जांच एजेंसियां इनको तलाश रहीं हैं। मदरसे चलाने के अलावा यह ऑनलाइन वीडियो के जरिये युवाओं का ब्रेनवॉश करके उनको कट्टरपंथी बना देते हैं। झांसी एवं कानपुर की साजिश में स्थानीय कनेक्शन की आशंका जताई जा रही है। सूत्रों का कहना है दोबारा भी एनआईए टीम यहां जांच के लिए आ सकती है।