मेरठ,संवाददाता : मंगलवार को भैसाली बस अड्डा शहर से बाहर किए जाने के कैबिनेट के फैसले के बाद दिल्ली रोड पर जाम से जूझ रहे लोगों को राहत मिलेगी। बस अड्डा भूडबराल और मोदीपुरम स्थित आरआरटीएस स्टेशनों के पास स्थानांतरित किया जाएगा। बसों के परिचालन को आरआरटीएस के संचालन से जोड़कर यात्रियों को सुगम यातायात की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। बस अड्डे के निर्माण में यात्रियों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा। व्यवसायिक गतिविधियों को भी प्रमुखता दी जाएगी।
भैसाली बस अड्डे और डिपों को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव
जाम का पर्याय बन चुके भैसाली बस अड्डे को शहर से बाहर किए जाने की कवायद पिछले दो दशक से चल रही थी। यहां से करीब 1400 बसों का संचालन प्रतिदिन होता है। ऐसे में लोगों को जाम से जूझना पड़ता है। इसके मद्देनजर स्थानीय प्रशासन ने बस अड्डे और डिपों को भैसाली से स्थानांतरित करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था।
प्रस्ताव में यह भी सुझाव दिया गया था कि मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन करके यदि बसों के परिचालन को आरआरटीएस के संचालन से जोड़ दिया जाए तो यात्रियों को सुगम यातायात की सुविधा मुहैया कराई जा सकती है। इस लिहाज से कराए गए सर्वे में शहर के बाहरी इलाके में स्थित भूडबराल और मोदीपुरम स्थित आरआरटीएस स्टेशन के पास के क्षेत्र को उपयुक्त पाया गया था। इस आधार पर भैसाली बस अड्डे को दो हिस्सों में दोनों आरआरटीएस स्टेशनों के पास स्थानांतरित करने का फैसला किया गया है।
भैसाली बस अड्डा व डिपो की लगभग 9.57 एकड़ जमीन के बदले भूडबराल स्थित मेरठ साउथ आरआरटीएस स्टेशन के निकट एक बस अड्डा व एक डिपो और मोदीपुरम स्टेशन के निकट 2.6 एकड़ जमीन पर एक बस अड्डे का निर्माण किया जाएगा। पल्हेडा स्थित यूपीएसआरटीसी की क्षेत्रीय कार्याशाला के निकट तीन एकड़ जमीन पर डिपो के समान सुविधाएं विकसित करेगा। मेरठ बाईपास स्थित सरधना रोड स्थित चौराहे और बागपत रोड व बड़ौत रोहटा रोड स्थित चौराहों के निकट बस शेल्टर की सुविधा विकसित की जाएगी।