लखनऊ,रिपब्लिक समाचार,संवाददाता : माफिया मुख्तार अंसारी के रोपड़ जेल में रहने के दौरान उसका करीबी लखनऊ का माफिया जुगनू वालिया सारा इंतजाम देखता था। एसटीएफ के अनुसार जुगनू वालिया के संपर्क में पंजाब के कई बड़े माफिया और हथियार तस्कर जुड़े थे। मुख्तार गैंग के लिए वर्षो से जुगनू पंजाब से हथियारों का इंतजाम किया करता था।
संभालता था मुख्तार का कारोबार
लखनऊ में भी मुख्तार का सारा व्यवसाय संभालता था। इसमें व्यापारियों और बिल्डरों से वसूली, ब्याज वसूलना और मुख्तार के केसों में पैरोकारी करना भी शामिल था। जुगनू वालिया के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, वसूली आदि के 20 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। वर्ष 2019 में मानकनगर के कपड़ा व्यापारी अनमप्रीत की हत्या का आरोप भी लगा था।
एसटीएफ और लखनऊ पुलिस को आलमबाग में चिकचिक रेस्टोरेंट के मालिक जसविंदर सिंह उर्फ रोमी की हत्या के प्रकरण में उसकी तलाश थी। आलमबाग और आसपास के इलाके की विवादित संपत्तियों में उसका दखलबना रहता था। लखनऊ पुलिस ने विगत ही में उसके मकान को कुर्क कर लिया था।
वहीं एसटीएफ को उसके पंजाब में छिपे होने की लगातार सूचना भी मिल रही थी। मुख्तार के मुश्किल समय में जुगनू पैसों का बंदोबस्त करके भेजता था। ट्रांसपोर्टनगर इलाके में उसकी एक बेशकीमती संपत्ति भी है। उसके पास ऑडी और जगुआर जैसी गाड़ियों का काफिला भी था।
जुगनू वालिया पर एक लाख का इनाम
पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने यूपी के कुख्यात गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के नज़दीकी हरविंदर सिंह उर्फ जुगनू वालिया को मोहाली से गिरफ्तार कर लिया है। डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि जुगनू वालिया का पुराना आपराधिक इतिहास है और वह हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली जैसे कई अपराधों में शामिल रहा है।
जुगनू यूपी पुलिस को कई आपराधिक प्रकरणों में वांछित है और उसकी गिरफ्तारी के लिए योगी सरकार की तरफ से एक लाख रुपये का इनाम भी उसके सर पर रखा गया है। गौरव यादव ने कहा कि पुलिस की टीमों ने उसके कब्जे से एक .32 बोर का पिस्तौल, 6 कारतूस, लाखों रुपये की विदेशी करंसी, एक स्कोडा कार बरामद किया हैं।
डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि गुप्त जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए एसटीएफ की टीमों ने एडीजीपी प्रमोद बाण के नेतृत्व में और एआईजी संदीप गोयल की मदद से विशेष ऑपरेशन चलाते हुए जुगनू वालिया को मोहाली से गिरफ्तार कर लिया। इस आपरेशन में पुलिस टीमों का नेतृत्व डीएसपी राजन परमिंदर और डीएसपी रमनदीप सिंह कर रहे थे।
एडीजीपी प्रमोद बाण के अनुसार पुलिस टीमों ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है। इस प्रकरण में कई खुलासे होने की उम्मीद है। जुगनू वालिया के खिलाफ मोहाली के पुलिस स्टेशन स्टेट क्राइम में शस्त्र एक्ट की धारा 25 (7, 8) और आईपीसी की धारा 120-बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।