नई दिल्ली,रिपब्लिक समाचार,ब्यूरो : गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति की 242वीं रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। जिसमे कहा गया है कि पीएसओ को संसद भवन परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया जाता। जब तक संबंधित वीवीआईपी, संसद भवन से बाहर नहीं निकलते, तब तक सुरक्षा कर्मियों को अपना समय टहल कर ही समय गुजारना करना पड़ता है…
पीएसओ को संसद भवन में प्रवेश नहीं
केंद्र सरकार के मंत्रियों, सांसदों और अन्य वीवीआईपी की सुरक्षा में तैनात दिल्ली पुलिस के सिक्योरिटी पर्सनल (पीएसओ) को कई तरह की मुसीबतो से दो चार होना पड़ता है । पीएसओ की हालात ऐसे होते है कि उन्हें न तो बैठने का इंतज़ाम होता है और न ही टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध है और न ही बरसात से बचने का ही कोई इंतजाम होता है। तेज गर्मी से बचने के लिए उन्हें छांव वाले पेड़ो की छाव के निचे गुजारना पड़ता हैं।
ऐसे में आराम करने की बात तो खुद-ब-खुद बेमानी हो जाती है। जबकि , संसद सत्र के दौरान पीएसओ को ऐसी अधिकांश दिक्कतें आम होती है हैं। केंद्रीय मंत्री, लोकसभा एवं राज्यसभा सदस्य तो संसद भवन में चले जाते हैं, मगर उनके पीएसओ को संसद भवन के बाहर ही रोक दिया जाता है। ऐसे में उन्हें पेड़ों के नीचे खड़े रहना पड़ता हैजबकि बैठने की भी सुविधा नहीं होती है ,इस कारण पीएसओ के पैरो में दर्द बना रहता है।
गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति की 242वीं रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है। इसमें कहा गया है कि पीएसओ को संसद भवन परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया जाता। जब तक संबंधित वीवीआईपी, संसद भवन से बाहर नहीं निकलते, तब तक सुरक्षा कर्मियों को इधर-उधर टहल कर ही अपना समय व्यतीत करना पड़ता है। संसद भवन के बाहर काफी संख्या में पीएसओ को टहलते हुए देखा जा सकता है। गर्मी के दिनों में जब ये पीएसओ थक जाते हैं, तो किसी गाड़ी (एस्कोर्ट) या अन्य सिक्योरिटी वाहन में बैठ जाते हैं। अगर किसी को टॉयलेट जाना है, तो उसे आसपास के सुलभ शौचालयो तक दौड़ना पड़ता है।