नई दिल्ली, एनएआई : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने पुराने आदेश में बदलाव करते हुए कहा कि सांसदों, विधायकों के प्रकरणों को देख रही विशेष अदालतों को अब न्यायिक अफसरों के तबादले के लिए उच्चतम न्यायालय से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।
उदाहरण के लिए अब ऐसे प्रशासनिक फैसलों के लिए संबंधित हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अनुमति लेना भी पर्याप्त होगा। सर्वोच्च अदालत ने इस संबंध में अपने 10 अगस्त, 2021 और पिछले वर्ष के दस अक्टूबर के फैसले को संशोधित किया गया है।
उच्चतम न्यायालय ने अगस्त, 2021 के आदेश में कहा था कि सांसदों व विधायकों से जुड़े प्रकरणों में विशेष अदालतों या सीबीआइ अदालतों के सभी न्यायिक अधिकारिओ को अगले आदेश तक अपने मौजूदा पदों पर बने रहना होगा। बाद में पिछले साल अक्टूबर के फैसले में सर्वोच्च अदालत ने कहा कि हाई कोर्ट के लिए यह जरूरी नहीं होगा कि वह न्यायिक अधिकारियों के ट्रांसफर के लिए अनुमति मांगे।