जम्मू, संवाददाता : लोकतंत्र के त्योहार के पहले चरण में जम्मू-कश्मीर की उधमपुर सीट पर भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे इलाकों में इस बार भी उत्साह रहा। सीजफायर समझौते के कारण पाकिस्तानी गोले का डर बिल्कुल भी नहीं था। पहाड़पुर से लौंडी के बीच 16 किलोमीटर के दायरे में आने वाले अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे 22 गांवों के 29 मतदान केंद्रों पर सुबह से ही लंबी कतारें लगी हुईं थीं। सुबह कुछ देर के लिए वर्षा हुई तब भी लोग मतदान केंद्रों में डटे रहे। दिन चढ़ने के साथ ही महिलाओं की टोली बूथों तक पहुंची। शाम पांच बजे तक यहां 68.06 फीसदी मतदान हुआ था।
मतदाताओं में मतदान के प्रति गजब का उत्साह
कडयाला सरकारी हाईस्कूल में चार गांवों चक चंगा, कडयाला, गुज्जर चक व पानसर के लिए केंद्र बनाए गए थे। यहां कुल 1112 मतदाता थे। सुबह मतदान शुरू होने के साथ ही नौ बजते-बजते लंबी लाइन लग गई। मॉडल मतदान केंद्र में पीने के पानी, बिजली आदि की व्यवस्था की गई थी। व्हील चेयर भी उपलब्ध थी। इस मतदान केंद्र पर उत्साह इतना दिखा कि कुंतो देवी पैर टूटने की वजह से ऑटो से मतदान केंद्र तक आईं। यहां उन्हें व्हील चेयर की मदद से बूथ में ले जाया गया। आधार कार्ड न होने की वजह से कुछ देर के लिए उन्हें रोका गया, बाद में आधार कार्ड मंगाने पर उन्होंने मतदान किया। बोलीं, हर बार वह मत जरूर डालती हूं तो इस बार कैसे चूक जातीं। गांव के युवकों ने सहायता देकर उन्हें बूथ तक पहुंचाया और फिर उन्हें ऑटो से ही वापस भेजा।
करोल कृष्णा स्कूल में चल रहे मतदान केंद्र में दोपहर 12.03 बजे ईवीएम खराब होने की वजह से मतदान रोकना पड़ा। लाइन में खड़ी महिलाएं वहीं फर्श पर बैठ गईं। हालांकि, यहां से लाइन में खड़ी कुछ महिलाएं देरी होने के कारण लौट भी गईं। उनका कहना था कि मशीन ठीक होने पर वह वोट डालने आ जाएंगी, तब तक घर का कुछ काम निपटा लेंगी। यहां लगभग एक घंटे तक मतदान रुका रहा। यहां बोबिया के सरपंच तथा बॉर्डर वेलफेयर कमेटी के अध्यक्ष भारत भूषण शर्मा भी लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करते दिखे। उनका कहना था कि इस बार चुनाव बिल्कुल शांतिपूर्ण माहौल में हो रहा है। किसी प्रकार का पाकिस्तानी गोलाबारी का डर नहीं है। लंबे समय से इलाके में फायरिंग नहीं हुई है। इसलिए सब लोग बड़े इत्मिनान से वोट डालने पहुंच रहे हैं।
बोबिया बॉर्डर का अंतिम गांव
बॉर्डर का अंतिम गांव बोबिया है। यहां से पाकिस्तान बार्डर आधा से एक किलोमीटर दूर है, जबकि यहां कोई मतदान केंद्र नहीं बनाया गया था। बोबिया, बाटी व लडवाल गांव का केंद्र लडवाल में बनाया गया था। बोबिया गांव के काफी लोग सुबह ही वोट डाल चुके थे। गांव के प्रमोद सिंह (62) ने कहा कि सुबह ही काफी संख्या में लोगों ने वोट डाल लिया है ताकि अन्य कामों में फंस न सकें। उनका कहना था कि गांव बिल्कुल पाकिस्तान के करीब है। पहले हुई गोलाबारी में यहां कई घरों को नुकसान पहुंचा था। जिस चाय की दुकान पर लोग अड़ी लगाए हुए थे, उसकी छत भी गोले से उड़ गई थी, जिसे बाद में बना लिया गया।
पोस्टर कम आए नजर, कहीं-कहीं दिखे पार्टी के झंडे
बॉर्डर इलाके में गेहूं की फसल पककर लगभग तैयार है। हीरानगर विधानसभा क्षेत्र बॉर्डर इलाके तथा कंडी को मिलाकर बना है। लकेसदहेतर में चुनाव प्रचार के नाम पर कुछ पोस्टर नजर आए। दूर-दूर घरों में कहीं-कहीं किसी पार्टी का झंडा दिखा। लेकिन मतदान के प्रति लोगों में उत्साह रहा। हर मतदान केंद्र पर सीआरपीएफ के जवान तैनात रहे। बॉर्डर पोस्टों पर बीएसएफ के जवान तैनात रहे। सामान्य जनजीवन अपनी तरह से चलता रहा। मतदान केंद्रों के बाहर किसी भी पार्टी के नुमाइंदे नहीं दिखे। बीएलओ मतदाता सूची के साथ उपलब्ध रहे जो मतदाताओं को गाइड करते रहे।