क्वेटा, एजेंसी : पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में अधिकारियों ने सुरक्षा चिंताओं को लेकर धारा 144 लागू कर दी है। बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) के केंद्रीय सदस्य सिबघतुल्ला शाह जी बलूच को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने क्वेटा स्थित उनके घर से गिरफ्तार कर लिया।
उनकी गिरफ्तारी का कारण नहीं बताया गया है। इस बीच पाकिस्तान में ईद की नमाज के बाद कई स्थानों पर हुई गोलीबारी में छह की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए। बलूचिस्तान के गृह विभाग ने आदेश जारी कर सुरक्षा चिंताओं के कारण पूरे प्रांत में धारा 144 लागू कर दी। ईद के दौरान मनोरंजन स्थलों पर लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।
कई जगहों पर लगाए पर प्रतिबंध
क्वेटा में जिला प्रशासन ने ऐसे स्थानों पर जमा होने पर प्रतिबंध लगा दिया है। पंजाब के गृह विभाग ने ईद उत्सवों के लिए स्थापित यांत्रिक झूले आदि पर प्रतिबंध लगा दिया है। अधिसूचना के अनुसार मनोरंजन पार्कों और खेलकूद के क्षेत्रों में स्थायी रूप से लगाए गए यांत्रिक झूलों आदि को ही संचालन की अनुमति दी गई है।
उधर स्वाबी गादून अमजाई में दो विरोधी समूहों के बीच गोलीबारी में दो लोगों की मृत्यु हो गई और दो अन्य घायल हो गए। बन्नू के मंदान थाना क्षेत्र में दो पार्टियों के बीच गोलीबारी से एक बच्चे और एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई, जबकि एक व्यक्ति घायल हो गया।
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एबटाबाद के मीरपुर क्षेत्र में नमाज के बाद मस्जिद के भीतर गोलीबारी में दो लोग घायल हो गए। इसी प्रांत में करक के रहमताबाद क्षेत्र में एक व्यक्ति की रहस्यमय परिस्थितियों में गोली मारकर हत्या कर दी गई। वजीरिस्तान के गांगी खेल स्टाप पर एक पुलिसकर्मी घायल हो गया।
पाकिस्तान में रमजान के दौरान सर्वाधिक आतंकी हमले
पाकिस्तान में रमजान के दौरान एक दशक में सर्वाधिक आतंकी हमले हुए। एक थिंक टैंक ने सोमवार को यह दावा किया। इससे पहले कुछ आतंकी समूह रमजान के दौरान शांति बरतते थे, लेकिन हाल के वर्षों में देश में ¨हसा में बेतहाशा वृद्धि देखी गई है। पाकिस्तान इंस्टीट्यूट आफ पीस स्टडीज ने बताया कि इस बार रमजान के दौरान 84 हमले हुए।
पिछले वर्ष रमजान के दौरान 26 हमले हुए थे। दूसरे थिंक टैंक पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फार कन्फि्लक्ट एंड सिक्यूरिटी स्टडीज ने कहा है कि रमजान के पहले तीन सप्ताह के दौरान 61 हमले हुए थे। इस बार का रमजान सुरक्षा बलों के लिए सबसे घातक रहा।
दो मार्च से 20 मार्च के दौरान 56 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई।तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने नवंबर 2022 में सरकार के साथ संघर्ष विराम एकतरफा समाप्त कर दिया था। आजादी समर्थक बलूच लिबरेशन आर्मी ने बड़े हमले की क्षमता विकसित कर ली है। हिंसा में वृद्धि के लिए दोनों संगठन जवाबदेह हैं।