इस्लामाबाद,रॉयटर : पाकिस्तान में सरकार बनाने की कवायद में दो सबसे बड़े दलों-पीएमएल एन और पीपीपी की बैठक से पहले बिलावल भुट्टो जरदारी ने साफ कर दिया है कि उन्होंने सरकार के नेतृत्व में साझेदारी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इसका कारण यह है कि पीपीपी (पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी) को सरकार बनाने का जनादेश नहीं मिला है।
बिलावल ने कहा कि प्रधानमंत्री पद पर बारी-बारी से कार्य करने का प्रस्ताव पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की ओर से आया था। बीते दस दिनों में औपचारिक और अनौपचारिक तौर पर दोनों पार्टियों के नेता चार बार साथ बैठकर सरकार बनाने की संभावना पर विचार कर चुके हैं। लेकिन दोनों दलों के बीच कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सहमति नहीं बन पाई है। वार्ता में सम्मिलित पीएमएल एन के वरिष्ठ सांसद इशाक डार ने इसकी पुष्टि की है।
पीपीपी करना चाहती है प्रांतीय सरकार के गठन में समर्थन
कहा गया है कि पीपीपी राष्ट्रपति पद के साथ ही संसद के दोनों सदनों के प्रमुखों के पद भी चाहती है। इसके अतिरिक्त पार्टी पंजाब प्रांत की सत्ता में साझेदारी चाहती है जहां पर उसके केवल दस विधायक जीतकर आए हैं। पीपीपी बलूचिस्तान में प्रांतीय सरकार के गठन में पीएमएल एन का समर्थन भी चाहती है।
राजनीतिक जानकार बताते हैं कि पीपीपी सत्ता सुख तो लेना चाहती है लेकिन आर्थिक संकट में घिरे देश की संघीय सरकार में सम्मिलित होने का खतरा उठाने को तैयार नहीं है। क्योंकि सरकार में शामिल होने पर मुश्किल फैसले लेने में वह भी भागीदार बनेगी। मुश्किल फैसलों के लिए वह नवाज शरीफ की पीएमएल एन को अकेला छोड़ना चाहती है। पीएमएल एन ने प्रधानमंत्री पद के लिए शहबाज शरीफ का नाम घोषित कर रखा है।