इस्लामाबाद, एजेंसी : पाकिस्तान के पीएम शहबाज़ शरीफ ने ऐलान किया है कि उनकी सरकार पानी के भंडारण के तरीके को मजबूत करेगी। ये निर्णय ऐसे वक्त में आया है जब भारत ने 1960 के सिंधु जल समझौते को स्थगित करने का निर्णय लिया है ।
पाकिस्तान की बडे़ पैमाने पर खेती-बाड़ी सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों पर निर्भर है। अगर इन नदियों के जलस्तर में कमी आई तो पाकिस्तान दाने-दाने को मोहताज हो जाएगा और बूंद-बूंद पानी को तरस जाएगा।
पाक पीएम शहबाज शरीफ ने मंगलवार को नेशनल इमरजेंसी ऑपरेशन्स सेंटर के दौरे के दौरान इस मसले पर बात की। सरकारी न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक, शहबाज शरीफ ने कहा कि दुश्मन जल समझौते के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है।
‘हम पानी को स्टोर करने के लिए प्रयास करेंगे’
शहबाज शरीफ ने कहा, “हमारी हुकूमत ने फैसला किया है कि हम अपनी पानी के भंडार बनाएंगे।” उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तानी सरकार पानी को बरतने के तरीके पर कार्य करेगी और भंडारण इसमें अहम कड़ी होगी, जिसमें डायमर भाशा डैम जैसे प्रोजेक्ट्स शामिल होंगे।
उन्होंने कहा, “हम अपनी ताकत से अगले कुछ वर्षो में पानी को स्टोर करने की क्षमता तैयार कर लेंगे। इसमें नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी का अहम किरदार होगा।”
पहलगाम हमले के बाद अब पाकिस्तान को सता रही पानी की चिंता
22 अप्रैल को पहलगाम में किये गए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कदम उठाया है । भारत सरकार ने सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया। ये समझौता दोनों मुल्कों के बीच पानी के बंटवारे का अहम जरिया है। पाकिस्तान का कहना है कि पानी के बहाव में किसी भी तरह की रुकावट उसकी खेती के लिए बड़ा खतरा है।