नई दिल्ली, न्यूज़ डेस्क : भारत में मछली उत्पादन 2024-25 में बढ़कर 197.75 लाख टन हो गया है। इसमें 2020 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के लॉन्च के बाद से 38 प्रतिशत की बढ़त देखी गई है। यह पहले 2019-20 में 141.60 लाख टन था। यह जानकारी सरकार की ओर से बुधवार को दी गई है।
लोकसभा में मंत्री ने कहा कि मछली उत्पादन में वृद्धि अंतर्देशीय व समुद्री मत्स्य विकास तथा पीएमएमएसवाई के नीतिगत हस्तक्षेपों से हुई है
लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मत्स्य पालन, पशुपालन और दुग्ध उत्पादन मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि यह वृद्धि मुख्य रूप से अंतर्देशीय मत्स्य पालन के विस्तार, समुद्री मत्स्य पालन विकास, मूल्य-श्रृंखला अवसंरचना को मजबूत करने और पीएमएमएसवाई योजना के तहत नीतिगत हस्तक्षेपों के कारण हुई है।
पीएमएमएसवाई के बाद मछली निर्यात आय 2019-20 में 46,662 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 62,408 करोड़ रुपये हो गई
मछली और मत्स्य उत्पादों का निर्यात वर्तमान में 62,408.45 करोड़ रुपए का
उन्होंने आगे कहा कि भारत का मछली और मत्स्य उत्पादों का निर्यात वर्तमान में 62,408.45 करोड़ रुपए का है, जो इस क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन को दर्शाता है। 2020-21 में पीएमएमएसवाई के लागू होने के बाद से निर्यात आय में लगभग 33.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2019-20 में 46,662.85 करोड़ रुपए से बढ़कर 2024-25 में 62,408.45 करोड़ रुपए हो गई है।
पीएमएमएसवाई से मत्स्य उत्पादकता 3 से बढ़कर 4.7 टन हुई, अंतर्देशीय उत्पादन में आंध्र, बंगाल शीर्ष पर रहे
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएमएमएसवाई की शुरुआत से पहले भारत की औसत मत्स्य पालन उत्पादकता लगभग 3 टन प्रति हेक्टेयर थी, जो 2025 की शुरुआत तक बढ़कर लगभग 4.7 टन प्रति हेक्टेयर हो गई है और अंतर्देशीय मछली उत्पादन में शीर्ष 5 राज्य आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा हैं।
मत्स्य पालन का जीवीए 2018-19 में 2.12 लाख करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 3.68 लाख करोड़ हुआ
मत्स्य पालन क्षेत्र का सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) 2023-24 के दौरान 3,68,124 करोड़ रुपए रहा, जबकि 2018-19 में यह 2,12,087 करोड़ रुपए था। कृषि क्षेत्र के जीवीए में मत्स्य पालन क्षेत्र की हिस्सेदारी 2018-19 में 7 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 7.55 प्रतिशत हो गई है।
केंद्र सरकार मत्स्य पालन प्रौद्योगिकी, जलीय कृषि और मूल्य वर्धन के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित
केंद्र सरकार मत्स्य पालन प्रौद्योगिकी, जलीय कृषि और मूल्य वर्धन के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है
मंत्री ने आगे कहा कि केंद्र सरकार मत्स्य पालन प्रौद्योगिकी, जलीय कृषि और मूल्य वर्धन के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके लिए सरकार मत्स्य पालन मूल्य श्रृंखला में कई तरह के उपायों का समर्थन कर रही है, जिनमें गुणवत्तापूर्ण मछली उत्पादन, जलीय कृषि का विस्तार, विविधीकरण और गहनता, निर्यात उन्मुख प्रजातियों को बढ़ावा देना, प्रौद्योगिकी का समावेश, सुदृढ़ रोग प्रबंधन और पता लगाने की क्षमता, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, निर्बाध शीत श्रृंखला और प्रसंस्करण सुविधाओं के साथ आधुनिक कटाई अवसंरचना का निर्माण शामिल है।
