प्रयागराज,संवाददाता : पहले चरण में रिंग रोड बनाने के लिए लगभग 4500 किसानों की 221 हेक्टेयर यानी 884 बीघा जमीन का अधिग्रहण किया जायेगा। ग्रामीण इलाकों में जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों से दस्तावेज मांगे जा चुके हैैं। इसके अतिरिक्त किसानों को मुआवजा देने का कार्य तेजी से चल रहा है।
पहले फेज में रिंग रोड की अनुमानित लागत 2990 करोड़ रुपये
महाकुंभ की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक इनर रिंग रोड का प्रयागराज की जनता को बेसब्री से इंतजार है। महाकुंभ से पहले इनर रिंग रोड के प्रथम चरण का कार्य किया जाएगा। इसके अंतर्गत 45 गांवों से होकर यह रिंग रोड गुजरेगी। जिसमें प्रयागराज-रीवा राजमार्ग के पालपुर से मीरजापुर मार्ग से होते हुए सहसों बाईपास तक 29.466 किमी सड़क का निर्माण किया जाएगा। पहले फेज में रिंग रोड की लागत 2990 करोड़ रुपये अनुमानित है। रिंग रोड के पहले चरण का काम 2025 में लगने वाले महाकुंभ से पहले पूरा किया जाना है।
पहले चरण में रिंग रोड बनाने के लिए लगभग 4500 किसानों की 221 हेक्टेयर यानी 884 बीघा जमीन का अधिग्रहण किया जायेगा , ग्रामीण इलाकों में जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों से दस्तावेज मांगे जा चुके हैैं। इसके अतिरिक्त किसानों को मुआवजा देने का काम तेजी से चल रहा है। 194 हेक्टेयर जमीन के लिए किसानों को 250 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना है। वहीं, अब तक 100 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा करछना तहसील व फूलपुर तहसील के किसानों को दिया जा चुका है।
जबकि पहले चरण में प्रयागराज की तीन तहसील बारा, करछना और फूलपुर में 45 गांवों के किसानों से भूमि का अधिग्रहण होगा। परियोजना निदेशक पंकज मिश्रा के अनुसार मुआवजे की शेष राशि भी अगले दो महीनों के भीतर सभी किसानों के खातों में स्थानांतरित कर दी जाएगी।
महाकुंभ मेले के चलते रिंग रोड का निर्माण जुलाई से
रिंग रोड का 29.8 किमी का हिस्सा दांदूपुर (रीवा रोड) से शुरू होगा और 194 हेक्टेयर भूमि के क्षेत्र को कवर करते हुए सहसों (एनएच-19) स्थित टोल प्लाजा से जुड़ जाएगा। इस रिंग रोड के निर्माण के लिए गंगा पर अरैल (नैनी) से शुरू होकर अधवा (झूंसी) पर उतरने वाला 3.2 किमी लंबा छह लेन का पुल भी बनाया जाएगा। सरकार भूमि अधिग्रहण के लिए लगभग 500 करोड़ रुपये का मुआवजा किसानो को देगी, जिसमें से लगभग 300 करोड़ रुपये निजी भूस्वामियों को दिए जाएंगे।
महाकुंभ मेले के चलते रिंग रोड का निर्माण जुलाई से
एनएचएआई के क्षेत्रीय परियोजना निदेशक पंकज मिश्रा ने कहा कि आगामी महाकुंभ मेले को देखते हुए इनर रिंग रोड का निर्माण जुलाई से शुरू होगा। महकमे को रोड इंजीनियरिंग के लिए एक सही कंपनी की तलाश है। इसके लिए टेंडर डाल दिया गया है, लेकिन अभी प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। प्रयास किए जा रहे हैं कि महाकुंभ से जुड़ी इस खास परियोजना को समय रहते पूरा करा लिया जाए।
इस अहम प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद कानपुर होते हुए एमपी जाने वाले वाहनों को प्रयागराज शहर में नहीं जाना पड़ेगा । उधर, मध्य प्रदेश के लोग कानपुर होते हुए वाराणसी जाने वालों लोगों को भी लाभ होगा। इनर रिंग रोड बनने से शहर के लोगों को जाम की समस्या से निजात मिलेगी। मध्य प्रदेश, झारखंड,महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड के भारी वाहनों को आवागमन में सहूलियत होगी।