नई दिल्ली, रिपब्लिक सामाचार,ब्यूरो : पाकिस्तान के समक्ष भारत एक बार फिर से सीमा पार से आतंकवाद का मुद्दा उठाएगा। बुधवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की बैठक नई दिल्ली में होगी। इसमें चीन और पाकिस्तान के प्रतिनिधि वर्चुअल तौर से हिस्सा लेंगे लेकिन रूस समेत दूसरे सदस्य देशों के एनएसए हिस्सा में भाग लेंगे।
बैठक में अफगानिस्तान का भी उठेगा मुद्दा
भारत के एनएसए अजीत डोभाल हमेशा से एससीओ के मंच से सीमा पर से आतंकवाद को बढ़ावा देने की पाकिस्तान की रणनीति को उजागर करते रहे हैं। वर्ष 2021 में इसी मंच से उन्होंने पाकिस्तान की शह पर पलने वाले आतंकी संगठन लश्करे तैयबा और जैश ए मोहम्मद के खिलाफ एससीओ की तरफ से संयुक्त कार्य योजना बनाने का प्रस्ताव किया था। इस बैठक में अफगानिस्तान का मुद्दा भी उठेगा। रूस की तरफ से कहा जा रहा है कि रूस के सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पातृशेव हिस्सा में भाग लेंगे। दूसरी तरफ पाकिस्तान व चीन की तरफ से कहा गया है कि उनके प्रतिनिधि वर्चुअल तरीके से बैठक में भाग लेंगे।
एससीओ की अध्यक्षता इस वर्ष भारत कर रहा है और एनएसए की बैठक के बाद सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों, विदेश मंत्रियों और फिर राष्ट्र प्रमुखों की बैठक होगी। भारत की और से सभी सदस्य देशों चीन, पाकिस्तान, रूस, उज्बेकिस्तान, तुर्केमिनिस्तान, किर्गिजस्तान, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान व कुछ दूसरे देशों को आमंत्रण भेजा जा चुका है।
एनएसए की इस होने वाली बैठक में आतंकवाद के खिलाफ सहयोग के एजेंडे पर विचार विमर्श होना है। इसके अलावा अफगानिस्तान का मुद्दा भी बहुत महत्वपूर्ण होगा। पिछले एक वर्ष के दौरान अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के साथ पाकिस्तान के रिश्ते काफी खराब हो गये हैं, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अफगानिस्तान में शांति स्थापना करने के लिए वह क्या करता है।