लखनऊ,रिपब्लिक समाचार,संवाददाता : उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने शाइस्ता की मदद करने वालो में सात एडवोकेट के अतिरिक्त उसे संरक्षण और आर्थिक मदद करने वाले 20 नज़दीकियों के नाम चिह्नित किए गए हैं। शाइस्ता परवीन को गिरफ्तार करने के लिए एसटीएफ और प्रयागराज पुलिस सभी मददगारों पर पैनी नजर बनाए हुए है।
शाइस्ता को दो माह बाद भी नहीं ढूढ़ सकी एसटीएफ
प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड के दो माह बीतने के बाद भी अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को एसटीएफ और प्रयागराज पुलिस ढूढ़ नहीं सकी है। एसटीएफ ने शाइस्ता परवीन पर 50 हजार रुपये की इनामी राशि रखी है। शाइस्ता के बारे में जो ब्योरा एकत्रित किया है, उस पर यकीन करें तो शाइस्ता परवीन के गिरोह के सात सदस्यों में से तीन मोहम्मद गुलाम, अरबाज और उस्मान एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।
जांच में शाइस्ता परवीन की मदद करने वाले सात वकीलों के अतिरिक्त उसे संरक्षण और आर्थिक मदद करने वाले 20 नज़दीकी लोगो को पुलिस ने चिह्नित कर लिया हैं। शाइस्ता को गिरफ्तार करने के लिए एसटीएफ और प्रयागराज पुलिस सभी लोगो पर पैनी नजर बना रखी है।
एसटीएफ के अनुसार अतीक अहमद के जेल जाने के बाद कारोबार और गैंग को शाइस्ता ने संभाल रखा है । वह अतीक अहमद के जमीन के अवैध कारोबार को संचालित करने के लिए गैंग के सदस्यों के जरिए हत्याएं कराने लगी। शाइस्ता के खिलाफ चार मुकदमे अब तक दर्ज हो चुके हैं, जिनमें से तीन धोखाधड़ी से जुड़े 2009 में दर्ज हुए थे। चौथा केस उमेश पाल हत्याकांड का दर्ज हुआ।
शाइस्ता के पिता हारून उत्तर प्रदेश पुलिस में हेड कांस्टेबल थे। शाइस्ता के दो भाइयों में से जकी अहमद लखनऊ जेल में बंद है, जबकि दूसरा सबी मदरसे में शिक्षक है। शाइस्ता के गैंग में गुलाम, साबिर, गुड्डू मुस्लिम,अरमान, उस्मान,अरबाज, और सदाकत शामिल हैं। जिनमे से गुलाम, उस्मान और अरबाज मारे जा चुके हैं जबकि गुड्डू मुस्लिम और साबिर अभी फरार हैं।
पश्चिम बंगाल में होने की भी सम्भावना
शाइस्ता के पश्चिम बंगाल में भी होने की सम्भावना बनी हुई है। जबकि , शाइस्ता के छिपने के ठिकानों में कौशांबी, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, दिल्ली, मुंबई और पश्चिम बंगाल शम्मिलित हैं। जबकि विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि वह प्रयागराज के इलाके में ही छुपी है। अतीक की मृत्यु के बाद से वह दूसरा मोबाइल इस्तेमाल कर रही है, जिस के कारण सुराग नहीं मिल पा रहा है।
पुलिस ये पता लगा रही है कि फरार शूटर गुड्डू मुस्लिम और साबिर ने कहीं शाइस्ता परवीन से संपर्क तो नहीं साधा है।शाइस्ता का करीबी परिजन मोहम्मद अहमद उर्फ मुन्ने वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है। ज्ञात हुआ है कि प्रयागराज निवासी अहमद की लखनऊ में नियुक्ति के समय शाइस्ता परवीन अक्सर उसके घर पर देखी जाती थी।
प्रयागराज का सुधांशु त्रिपाठी उर्फ बल्ली पंडित, इरशाद उर्फ सोनू, मोहम्मद नफीस,अरशद, , बांदा का जफर अहमद खां, सुल्तान अली डॉ. शैला, असाद, नूर, मोहम्मद मुस्लिम, आवेज अहमद,मोहम्मद राशिद उर्फ नीलू अशरफ का साला सद्दाम, कासिम, संरक्षण देने वालों में मेरठ निवासी ननद आयशा नूरी, मोहम्मद अनस, आसिफ उर्फ मल्ली, आर्थिक मददगारों में मोहम्मद मुस्लिम, असलम मंत्री व खालिद जफर शम्मिलित हैं।