मथुरा : बरसाना में आज से लड्डू मार होली

laddu-mar-holi

मथुरा,रिपब्लिक समाचार,शिव सिंह : होली का त्यौहार देश दुनिया में ख़ुशी के साथ मनाया जाता है। बात होली की हो और ब्रज का नाम न आए, तो सम्भव नहीं है। होली 8 मार्च को है, लेकिन होली त्यौहार की शुरुआत बसंत पंचमी से हो जाती है। होली पर ब्रज में असली होली बरसाना की तो लड्डू से होली खेलते देखने को मिलता है। सोमवार को बरसाना में लड्डू होली खेली जाएगी। जिसको लेकर सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।

लट्ठमार होली से पूर्व खेली जाती है लड्डू से होली

ब्रज में लट्ठमार होली की परम्परा बेहद पुरानी है और बरसाना को इसका केंद्र बिंदु माना जाता है। बरसाने की लट्ठमार होली के विश्व प्रसिद्ध होने के कारण है । जहां वह हुरियारिनों द्वारा किए जाने वाले लाठी के वार को अपने साथ लाये ढाल से बचाते हैं। इस लट्ठमार होली को देखने के लिए देश-विदेश के श्रद्धालु बड़ी संख्या में लोग ब्रज पहुंचते हैं और बरसाना की लड्डू होली का आनंद लेते है।

लड्डू होली खेलने के पीछे ऐसी मान्यता है कि द्वापर युग में राधा रानी और उनकी सहेलियो ने भगवान के साथ होली खेलने का मन बनाया। इसके लिए उन्होंने एक व्यक्ति को आमंत्रण देने भगवान श्री कृष्ण के गांव नंदगांव भेजा गया। नंदगांव में जब भगवान ने होली खेलने का आमंत्रण स्वीकार कर लिया था । जब पंडा ने आकर बरसाना में भगवान के होली खेलने का निमंत्रण स्वीकार करने की बात बताई , तो यह सुनकर बरसाना वासी खुश से झूमने ;लगे और एक दूसरे पर लड्डू से खेलने लगे लड्डू होली।

बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

बरसाना की लड्डू और लट्ठमार होली का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु बरसाना पहुंचे हैं। परंपरा के मुताबिक , हर साल लड्डू होली वाले दिन मंदिर का पूरा कैम्पस राधा-कृष्ण के प्रेम में डूब जाता है ,और राधा-कृष्ण के भजनों का और होली के गीतों का मंदिर प्रांगण में भजन सुनाई देते हैं।

लड्डू होली वाले दिन लोग राधा कृष्ण के प्रेम में मग्न होकर नाचते गाते हैं और लड्डू का प्रसाद पाकर खुद को धन्य मानते हैं। यहां श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई हैं। उपद्रवी तत्वों पर नजर रखने के लिए CCTV कैमरे लगाए गए हैं।

5 हज़ार किलो लड्डू फेंकने की संभावना

बरसाना की प्रसिद्ध लड्डू होली को लेकर ब्रजवासी ही नहीं देश भर के पहुंचे श्रद्धालु भी हर वर्ष बेहद उत्साहित नजर आते हैं। मंदिर के सेवादारों द्वारा निमंत्रण स्वीकार करने की सूचना मिलते ही राधा रानी के समक्ष बैठकर भजन गायन किया जाता है। पूरा मंदिर परिसर लड्डू और रंग गुलाल से रंगमय हो जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Don’t judge Yo Jong by her beauty जल्दी से वजन घटाने के लिए 7 दिन तक फॉलो करें ये डाइट प्लान खत्म हुआ हार्दिक पांड्या और नताशा स्टेनकोविच का रिश्ता? करोड़ों की मालकिन हैं कंगना रनौत बिना किस-इंटिमेट सीन 35 फिल्में कर चुकी हूं