नई दिल्ली,एनएआई : अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायक ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि प्रधानमंत्री सरकारी कार्यालयों में चीनी सीसीटीवी कैमरे लगाने पर प्रतिबंध लगाएं। इसके साथ ही विधायक ने अपील की है कि सरकार लोगों को जागरुक करने के लिए अभियान चलाए कि वह अपने घरों में चीनी सीसीटीवी कैमरे न लगवाएं।
जैसा की ज्ञात है कि अरुणाचल प्रदेश की पासीघाट पश्चिम विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक निनोंग एरिंग ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में एक रिपोर्ट का हवाला दिया है और भारत में चीनी सीसीटीवी कैमरों के प्रयोग पर चिंता व्यक्त की है। विधायक का मानना है कि चीन के सीसीटीवी कैमरे उसके लिए आंख और कान का काम कर रहे हैं।
आईटी के मूलभूत ढांचे पर हमला
विधायक ने चीनी सीसीटीवी कैमरों को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया है। विधायक ने लिखा कि वर्त्तमान समय में जब चीन लगातार एलएसी पर आक्रामकता दिखा रहा है, तब वह हमारे आईटी के मूलभूत ढांचे पर भी हमला कर रहा है। इस कारण भारत को इस खतरे से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
विधायक ने लिखा है कि अमेरिका की एक ख़ुफ़िया फर्म रिकॉर्डेड फ्यूचर इंक की जून 2022 में प्रकाशित रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए बताया कि चीनी हैकरों द्वारा कई बार भारत चीन सीमा पर स्थित लद्दाख के इलाकों में सात लोड डिस्पैच सेंटर्स को हैक करने का प्रयास किया। यह लोड सेंटर्स इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड को कंट्रोल करने और वितरित करने का कार्य करता हैं।
देश में 90 फीसदी चीनी सीसीटीवी
कांग्रेस विधायक ने पत्र में आगे यह भी बताया है कि सीसीटीवी नेटवर्क में इस्तेमाल होने वाले इंटरनेट प्रोटोकॉल और डीवीआर को भी चीनी हैकर्स हैक कर सकते हैं। पत्र में बताया गया है कि देश में वर्त्तमान समय लगभग 20 लाख सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, जिनमें से 90 फीसदी चीनी सरकार के स्वामित्व वाली कंपनियों द्वारा बनाए गए हैं।
चिंताजनक बात यह है कि इनमें से आधे से ज्यादा सरकारी विभागों में लगे हैं। इन सब बातो का ध्यान रखते हुए विधायक ने तुरंत चीनी सीसीटीवी कैमरों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री से यह अपील की कि लोगों को इस मुद्दे पर जागरुक किया जाए कि वह अपने घरों में चीनी सीसीटीवी कैमरों को न लगवाए।