ढाका, वर्ल्ड डेस्क : बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम ने धमकी देते हुए कहा है कि अगर महिला प्रकरण के सुधार आयोग द्वारा किए गए प्रस्तावों को अमल में लाये तो अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस का भी वही हश्र होगा जो पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का हुआ था।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, देश भर में आयोजित विभिन्न विरोध रैलियों और जुलूसों में इस्लामी संगठन ने अंतरिम सरकार को यह चेतावनी दी और आयोग के प्रस्तावों को इस्लाम विरोधी करार दिया। आयोग को समाप्त करने की मांग कर रहे हिफाजत नेता ने घोषणा की कि संगठन तीन मई को ढाका के सुहरावर्दी उद्यान में एक सामूहिक रैली आयोजित की जाएगी ।
कट्टरपंथी इस्लामी संगठन ने निकाली विरोध रैली
‘द बिजनेस स्टैंडर्ड’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को संगठन ने चटगांव के अंदरकिल में एक विरोध रैली और जुलूस भी आयोजित किया। बाद में, नारायणगंज में चशारा सेंट्रल शहीद मीनार में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए हिफाजत के संयुक्त महासचिव मामुनुल हक ने कहा कि महिला सुधार आयोग ने यह कहकर इस्लामी कानून के प्रति पूर्ण अवहेलना दिखाई है कि धार्मिक और सामाजिक मानदंड ही देश में महिलाओं के खिलाफ भेदभाव का मुख्य कारण हैं।
एक अन्य कट्टर इस्लामी राजनीतिक दल ‘खिलाफत मजलिस’ के महासचिव अहमद अब्दुल कादर ने कहा कि आयोग ने सभी धर्मों की महिलाओं के लिए एक समान पारिवारिक कानून प्रस्तावित किया है – जिसमें विवाह, तलाक, विरासत और भरण-पोषण शामिल है। यह सीधे तौर पर कुरान और सुन्नत के खिलाफ है और मुसलमानों की आस्था पर एक जबरदस्त हमला है। हम इस तरह की इस्लाम विरोधी गतिविधियों को कभी स्वीकार नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते महिला मामलों के सुधार आयोग ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें 433 सिफारिशें शामिल थीं। ‘द डेली स्टार’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस हफ्ते की शुरुआत में हिफाजत-ए-इस्लाम और जमात-ए-इस्लामी, इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश समेत अन्य कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों ने सरकार से मांग की कि वह आयोग की अस्वीकार्य और विवादास्पद सिफारिशों को तुरंत रद करे।
वर्चस्व की लड़ाई में 50 से ज्यादा लोग घायल
हबीगंज के नौगांव गांव में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और अवामी लीग के समर्थकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घायलों में से पांच की हालत गंभीर है और उनका सिलहट उस्मानी मेडिकल कालेज अस्पताल में इलाज चल रहा है।
इलाके में वर्चस्व कायम करने को लेकर बीएनपी नेता अख्तर मियां और अवामी लीग के शाहजहां मियां के समर्थकों के बीच लंबे समय से दुश्मनी बढ़ रही थी। शुक्रवार को दोनों पक्षों के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई, जो करीब दो घंटे तक चली। इसमें 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। घटना की पुष्टि करते हुए अजमेरीगंज थाने के प्रभारी अधिकारी एबीएम मैदुल हसन ने बताया कि मौके पर पहुंचकर पुलिस स्थिति को नियंत्रण में लाने में सफल रही।