लखनऊ, रिपब्लिक सामाचार,शिव सिंह : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत क्षतिपूर्ति के भुगतान की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए गुरुवार को खरीफ-2022 मौसम के लिए फसल बीमा की 462.80 करोड़ रुपये की धनराशि सीधे उत्तर प्रदेश के किसानों के खाते में भेजी गई। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फसल बीमा भुगतान की प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा लांच आफ डीजी क्लेम माड्यूल का शुभारंभ करते हुए किसानों के खाते में इस राशि को ट्रांसफर किया।
यूपी के 903336 किसान शामिल
नई दिल्ली में वर्चुअल माध्यम से विभिन्न राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ आयोजित बैठक में केंद्रीय मंत्री ने खरीफ- 2022 मौसम के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सहित छह राज्यों के कृषकों को 1260.35 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति की धनराशि उनके बैंक खातों में फसल बीमा पोर्टल के माध्यम से भेजी गयी । इसमें यूपी के 903336 किसान भी शामिल हैं, जिनके खाते में 462.80 करोड़ की धनराशि भेजी गई है।
यह धनराशि खरीफ फसल पर कराए गए क्राप कटिंग प्रयोगों से प्राप्त उपज के आधार पर दी गई है। आप को ज्ञात हो कि प्रदेश में खरीफ की आंशिक क्षतिपूर्ति के रूप में 2.18 लाख कृषकों के बीच 134.25 करोड़ की धनराशि पहले ही बीमा कंपनियों द्वारा दी जा चुकी है। इस प्रकार खरीफ 2022 मौसम के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में कुल 597.05 करोड़ रुपये की धनराशि डीबीटी के माध्यम से सीधे किसानों के खातों में भेजी गई है। बेमौसम बारिश की मार से जूझ रहे किसानों के खाते में आई फसल बीमा की पुरानी बकाया राशि निश्चित तौर पर उन्हें कुछ हद तक राहत देगी।
आप को ज्ञात हो कि अभी रबी फसल की क्षतिपूर्ति का आकलन राज्य सरकार और बीमा कंपनियों द्वारा किया जा रहा है। आकलन के बाद किसानों के बीच आंशिक क्षतिपूर्ति का भुगतान जल्द किया जाएगा जबकि क्राप कटिंग प्रयोग के बाद बकाया राशि किसानों के खातें में भेजी जाएगी। वर्चुअल बैठक में प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, सचिव, कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. देवेश चतुर्वेदी, फसल बीमा योजना को संचालित करने वाले विभिन्न राज्यों के अधिकारी, बीमा कंपनी, बैंक एवं कामन सर्विस सेंटर के अधिकारी उपस्थित रहे थे।
एक माह के भीतर किया जाए क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान
सूर्य प्रताप शाही कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने वर्चुअल बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री को किसानों के हित में महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि पोर्टल के माध्यम से क्षतिपूर्ति की धनराशि का भुगतान किसानों के खाते में फसल कटाई के एक माह के भीतर किया जाए। उन्होंने कहा, आपदा की स्थिति में कृषकों द्वारा व्यक्तिगत क्षति की सूचना की अवधि को बढ़ाकर 72 घंटे से बढ़ाकर चार से पांच दिन किया जाए।
असफल बुवाई के तहत ग्राम पंचायत में 75 प्रतिशत क्षेत्र में बुवाई न होने के कारण क्षतिपूर्ति दिए जाने का प्रविधान है। उसे घटाकर यदि 60 प्रतिशत किया जाए तो किसानों को इसका लाभ मिलेगा इसके साथ ही कृषकों की भागीदारी एवं विश्वसनीयता भी बढ़ेगी। यह भी कहा कि भारत सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि बैंकों द्वारा प्रीमियम की धनराशि की कटौती करने के उपरांत प्रीमियम राशि बीमा कंपनी को तय समय में उपलब्ध करा दिया जाये ताकि कृषक योजना के लाभ से वंचित न हो सकें। केंद्रीय कृषि मंत्री ने उत्तर प्रदेश सरकार के इन सुझावों पर गंभीरता से विचार करने का भरोसा दिया है ।