कोलकाता, संवाददाता : भारत की सड़कों को दुनिया की सबसे सुरक्षित सड़कों में बदलने के लिए काम कर रहे एक एआई आधारित वीडियो टेलीमैटिक्स स्टार्टअप, कॉशियो ने अपनी सीड फंडिंग में अतिरिक्त $1.8 मिलियन जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व अमल पारिख ने किया, जिसमें 8आई वेंचर्स, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक, विभा चेतन (पार्टनर – चेरेवी वेंचर्स) और वेंचर कैटलिस्ट्स ने भी भाग लिया। इसके साथ ही इस राउंड में रवीन सस्त्री (फाउंडिंग पार्टनर – मल्टिप्लाई वेंचर्स), विवेकानंद हल्लेकेरे (को-फाउंडर – बाउंस) और निश्चय एजी (को-फाउंडर – जेएआर) ने भी निवेश किया। अब तक कॉशियो की कुल सीड फंडिंग $3 मिलियन हो चुकी है। इस साल अप्रैल में कंपनी ने इसी फंडिंग राउंड के तहत $1.2 मिलियन जुटाने की घोषणा की थी।
हर सफर को सुरक्षित बनाने के मिशन के साथ शुरू हुई कंपनी कॉशियो, ऐसे एडवांस डैश कैमरे देती है जो एआई से चलने वाले एक सेफ्टी प्लेटफॉर्म के साथ जुड़े होते हैं। इसका मकसद है कि फ्लीट ऑपरेटर्स को समय रहते खतरे पहचानने और रोकने में मदद मिले। कॉशियो ऐसी तकनीक पर काम कर रही है जो सिर्फ हादसों को रिकॉर्ड नहीं करती, बल्कि उन्हें पहले से पहचानकर रोकने की क्षमता रखती है। इस तरह कॉशियो भारत के पब्लिक ट्रांसपोर्ट, स्कूल ट्रांसपोर्ट और कमर्शियल फ्लीट सेक्टर में सड़कों को सुरक्षित बनाने की आवश्यक जरूरत को पूरा कर रही है।
भारत की सड़कों को और डर की नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी और सुरक्षा की ज़रूरत है -अंकित आचार्य
कॉशियो के को-फाउंडर और सीईओ अंकित आचार्य ने कहा कि, “भारत की सड़कों को और डर की नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी और सुरक्षा की ज़रूरत है। कॉशियो में हम ऐसी तकनीक बना रहे हैं जो सुरक्षा को साफ तौर पर दिखाए और उस पर तुरंत कार्रवाई हो सके। हम जो भी अलर्ट भेजते हैं, वह एक हादसा रोकने, एक परिवार को बचाने, एक ज़िंदगी सुरक्षित रखने का एक मौका होता है। यही हमारा मकसद है।”
कॉशियो के को-फाउंडर और सीटीओ प्रांजल ने आगे कहा, “इस नई फंडिंग से हम अपनी तकनीक को और मज़बूत बना पाएंगे, टीम को बढ़ा पाएंगे और अपने सिस्टम को और ज़्यादा जगहों पर लागू कर पाएंगे ताकि सड़क सुरक्षा एक आदत बने, कोई अपवाद नहीं।”
अमल पारिख ने कहा, “कॉशियो की सबसे खास बात मुझे ये लगी कि इसके फाउंडर इस समस्या को गहराई से समझते हैं, और इनकी टीम दिल से मेहनत कर रही है। अंकित, प्रांजल और उनकी टीम भारत की एक बहुत जरूरी लेकिन अक्सर नजरअंदाज की जाने वाली चुनौती, सड़क सुरक्षा पर काम कर रहे हैं। एआई को इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ जोड़कर वे एक व्यावहारिक और इनोवेटिव तरीका अपना रहे हैं। यह वही जगह है जहाँ दलाल स्ट्रीट की अनुशासन वाली सोच, इनोवेशन स्ट्रीट की नई सोच से मिलती है। मैं इस मिशन में उनका साथ पाकर बहुत उत्साहित हूँ, जिसमें वे भारत की सड़कों को और ज़्यादा सुरक्षित बनाना चाहते हैं।”
कंपनी ने 3.6 मिलियन डॉलर से ज़्यादा जुटाए
इस फंड का इस्तेमाल कॉशियो की रिसर्च और डिवेलपमेंट (आर&डी) को बढ़ाने, एआई तकनीक को और बेहतर बनाने, और पूरे भारत में फ्लीट ऑपरेटर्स, इंटरसिटी व इंट्रा-सिटी बस ऑपरेटर्स और स्कूल ट्रांसपोर्ट नेटवर्क में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए किया जाएगा। कंपनी यह भी योजना बना रही है कि वह डिवाइस इंस्टॉल करने और सर्विस देने वाली अपनी ज़मीनी टीम को और मजबूत बनाए, ताकि गाड़ियों में कॉशियो का सिस्टम आसानी से और बिना किसी परेशानी के लगाया जा सके।
कॉशियो का मानना है कि तकनीक का असली उपयोग वहीं होना चाहिए जहाँ इसकी सबसे ज़्यादा जरूरत हो यानी उन सड़कों पर जो लोगों की ज़िंदगी को आपस में जोड़ती हैं। भारत में जहाँ सड़क हादसों की दर दुनिया में सबसे ज़्यादा है, कॉशियो का सपना है कि वह डेटा पर आधारित तकनीक के ज़रिए सड़क सुरक्षा को एक नए स्तर पर ले जाए ताकि ड्राइवर, यात्री और पैदल चलने वाले सभी लोग सुरक्षित रहें।
कंपनी ने अब तक कुल मिलाकर 3.6 मिलियन डॉलर से ज़्यादा जुटाए हैं।