नई दिल्ली,रिपब्लिक समाचार,विशेष : हिंदू धर्म में दो गुप्त नवरात्रि के अलावा चैत्र व शारदीय नवरात्रि पूरे धूमधाम के साथ मनाई जाती है। इन दोनों ही नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने का विधान है। भगवान राम का सम्बन्ध दोनों ही चैत्र व शारदीय नवरात्रि की नवमी और दशमी तिथि से है। भगवान राम ने शारदीय नवरात्रि की दशमी तिथि को ही रावण का वध किया था। अयोध्या में चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान राम का जन्म हुआ था,इसलिए इस दिन राम नवमी मनाई जाती है।
राम नवमी के पर्व का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी भक्त पूरे भक्ति भाव और विधि विधान से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की पूजा करते हैं, उनका जीवन में सुख, समृद्धि और शांति से परिपूर्ण रहता है।
पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि में नवमी तिथि के दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि चैत्र माह की शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि को भगवान विष्णु ने प्रभु श्री राम के रूप में जन्म लिया था। तब से ये पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।
रामनवमी के दिन पूरे देश में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम का जन्म दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। अयोध्या में रामनवमी के अवसर पर भव्य कार्यक्रम और मेले का आयोजन किया जाता हैं। ऐसी मान्यता है कि रामनवमी के दिन मां भगवती और श्रीराम की पूजा पूरे विधि विधान से करने वाले भक्तों को मनोइच्छा की प्राप्ति होती है। साथ ही उनके जीवन से दुखो का निवारण होता है। रामनवमी के साथ नवरात्रि का पर्व संपन्न है। यही कारण है कि इस दिन कई लोग कन्या पूजन के रूप में देवी रानी की आराधना करते हैं।