चार्ल्स की ताजपोशी में ब्रिटेन के अधीन रहे देशों को कोई दिलचस्पी नहीं

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लंदन, एपी : ब्रिटेन के राजा के रूप में ताजपोशी के बाद किंग्स चाल्र्स इंग्लैंड के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया, जमैका और न्यूज़ीलैंड जैसे 14 देशों के राष्ट्र प्रमुख बन जाएंगे। जबकि 14 देशों के साथ-साथ कभी ब्रिटेन के गुलाम रह चुके कॉमनवेल्थ देशों में इस ताजपोशी के प्रति लोगो में उत्साह नहीं देखा जा रहा है।

जमैका और ऑस्ट्रेलिया के लोग चाह रहे मेरे देश का बने राष्ट्र प्रमुख

जमैका की राजधानी किंग्स्टन में एंग्लिकन प्रीस्ट रेव सीन मेजर-कैंपबेल के अनुसार लोगों में अब ब्रिटिश राजघराने मेंअब कोई दिलचस्पी नहीं है लोगो में क्योंकि अब ज़्यादातर जमैकावासी इस वास्तविकता से भली भाति प्रति जागरुक हो गये हैं कि उपनिवेशवाद और गुलामी की तबाही से बचे हुए लोगों को अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है।

बारबाडोस ने 2021 में तत्कालीन ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ को हटाकर अपने देश के चुने हुए राष्ट्रपति को अपना राष्ट्र प्रमुख बनाया। इसके बाद जमैका, बहामास और बेलीज में भी ऐसे ही गणतंत्र समर्थक आंदोलन किये गये । पिछले वर्ष, प्रिंस विलियम और उनकी पत्नी केट जब जमैका के शाही दौरे पर भृमणमें आये तो जमैका के लोगो का भारी विरोध प्रदर्शनों से सामना करना पड़ा था ।

दूसरे देशों की बात करें तो ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीस भी राजशाही को खत्म करने के पक्षधर हैं, जबकि वह इस राज्याभिषेक में शामिल होंगे और राजा के प्रति निष्ठा की शपथ दिलाई जाएगी । अल्बनीस ने ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्प से कहा कि वह किसी ऑस्ट्रेलियाई को ही ऑस्ट्रेलिया के राज्य प्रमुख के रूप में देखना पसंद करते हैं।

भारत में भी अब गुलामी के चिह्न स्वीकार नहीं

कभी ब्रिटेन के प्रमुख उपनिवेशक रह चुके भारत में, भारतीय मीडिया में ब्रिटेन की ताजपोशी की बहुत ही कम कवरेज मिल रही है और भारत देश के लोगों की कोई भी दिल चस्पी दिखाई नहीं दे रही है। पूर्व राजनयिक,और लेखक पवन के. वर्मा का इस बारे में मानना है कि भारत आगे बढ़ चुका है और ज्यादातर भारतीयों का ब्रिटेन के शाही परिवार से कोई भावनात्मक संबंध नहीं दिखता है।

ऐसा नहीं सभी देश ब्रिटेन की राजसत्ता से दूर जा रहे हैं। पूर्व फ्रांसीसी उपनिवेशक गैबॉन और टोगो हाल ही कॉमनवेल्थ के नए सदस्य बनाए गये हैं। इन दोनों देशों का ब्रिटेन से कोई औपनिवेशिक संबंध नहीं है। इसी तरह से जमैका भी ब्रिटेन से नजदीकियां बनाये रखना चाहता है ताकि जमैका के आर्थिक संबंध बने रह सकें।

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