जी-7 ने भारत की जी-20 थीम ‘एक धरती, एक परिवार, भविष्य’ का समर्थन

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वाशिंगटन,एनएआई : विश्व के सबसे अमीर समपन्न देशों के समूह जी-7 के कारोबारी अधिकारियों ने भारत की जी-20 थीम ‘एक धरती, एक परिवार, भविष्य’ का समर्थन करता है। इस समूह के कारोबारी अधिकारी ने कहा है कि सतत विकास लक्ष्य हासिल करना जरूरी है जो वैश्विक पर्यावरण सुरक्षा के अनुकूल हो।

उपनिषद से लिया गया जी-20 का विषय

जी-7 दुनिया की सात सबसे बड़ी और उन्नत अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है, जिसमें जापान, इटली, कनाडा, फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और यूरोपीय संघ शामिल हैं। इस माह के अंत में जापान में जी-7 शिखर सम्मेलन की बैठक से पहले 19-20 अप्रैल को टोक्यो में विदेश मंत्रियों का शिखर सम्मेलन भी आयोजित किया गया ।

वसुधैव कुटुम्बकम ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ महा उपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से लिया गया है। भारत को अध्यक्षता मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे जी-20 का विषय घोषित किया था। भारत की प्राचीन संस्कृति पर आधारित यह विषय जीवन के सभी मूल्य- मानव, पशु, पौधे और सूक्ष्मजीवों का पृथ्वी ग्रह पर और व्यापक ब्रह्मांड में उनकी परस्पर संबद्धता की पुष्टि करता है।
भारत ने एक दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक एक साल के लिए जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण किया । जी-20 शिखर सम्मेलन इस वर्ष 9-10 सितंबर2023 को दिल्ली में होगा।

भारत का अनुरोध, साक्ष्य आधारित शोध पर कार्य करे जी -20 देश

भारत-अमेरिका वार्षिक बायोफार्मा एवं स्वास्थ्य देखभाल शिखर सम्मेलन से पहले, भारतीय अधिकारी अमिताभ कांत ने जी-20 देशों से साक्ष्य-आधारित अनुसंधान में सहयोग करने और ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया है। भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने भारत-अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स में बोले , मैं जी-20 सदस्य के देशों से अपील करता हूँ कि वे स्वास्थ्य सुधार की तैयारियों को सुनिश्चित करने और वैश्विक अनुकूल आपूर्ति श्रृंखलाओं का निर्माण करने के लिए साक्ष्य-आधारित अनुसंधानो और विश्लेषण में मदद करें।

एक मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के दिन फ्रांस में नए पेंशन सुधारों का विरोध फिर तेज हो गया। देश में सोमवार को कई जगह आयोजित रैलियों में 15 लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। पेरिस सहित करीब 200 शहरों में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच कई जगह झड़प ने हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनों में 108 पुलिसकर्मी घायल हो गए है और 291 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है ।

फ्रांस में नए कानून के तहत रिटायरमेंट की उम्र 62 से बढ़ाकर 64 वर्ष व पेंशन के लिए न्यूनतम सेवा अवधि 42 से बढ़ाकर 43 वर्ष कर दी गई है। जनवरी से अब तक दर्जनभर से ज्यादा बार लाखों की संख्या में लोग इसके विरोध में सड़कों पर उतर चुके हैं। अप्रैल में राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने इस पर हस्ताक्षर कर दिया । सितंबर माह से इसे लागू किया जाना है।

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