REPUBLIC SAMACHAR- Samarth Singh II जानिए की क्या है भारत का अफ्रीकी देशों में भविष्य, कैसे होंगे हमारे सम्बन्ध, हमारी अर्थव्यवस्था को कितना हो सकता है अफ्रीका से लाभ सिर्फ रिपब्लिक समाचार पर।
भारत और अफ्रीका के बीच ऐतिहासिक समय से ही अच्छे संबंध रहे हैं। चाहे वह मध्ययुगीन काल की व्यापारिक प्रणाली हो या समकालीन दुनिया में अंग्रेज़ी शासन के खिलाफ संघर्ष। इन सभी पहलुओं ने भारत और अफ्रीका दोनों को पारंपरिक रूप से एकजुट बना दिया है।
भारत और अफ्रीकी देशों के बीच एक समान इतिहास ने अपने-अपने देशों के लोगों के बीच एक अटूट बंधन बनाया है, हम सभी काफी समान विचारधाराओं के साथ बड़े हुए हैं, और इस गुण ने लोगों को सतत विकास के रास्ते पर एक साथ काम करने के लिए अपार अवसर प्रदान किए हैं।
अफ्रीकी देशों की बहुत मदद करता है भारत
भारत अफ्रीकी देशों में भारी मात्रा में निवेश कर रहा है, इसके अलावा भारत इन देशों को विकास के लिए बड़े पैमाने पर कर्ज भी देता है। इसके पीछे का कारण क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभुत्व का मुकाबला करना है। भारत इस बात से पूरी तरह वाकिफ है कि चीन किस तरह छोटे देशों पर भारी-भरकम कर्ज का बोझ डालकर उन्हें अपनी कठपुतली बनाता है, इसलिए भारत इन देशों को कम ब्याज और अन्य शर्तों के बदले कर्ज देता है।
हाल ही में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत जी-20 शिखर सम्मेलन में अफ्रीका के वैश्विक दक्षिण देशों की समस्याओं को पेश करेगा। भारत ने कोविड महामारी के दौरान अफ्रीका की बहुत सहायता की और लगभग सभी बड़ी समस्याओं में अफ्रीका के साथ खड़ा रहता है।
कैसे मिलेगा भारत को अफ्रीका से लाभ
यह अभ्यास वैश्विक बाजार में घूमने वाले धन को बढ़ावा देता है और भारतीय मुद्रा के मूल्य को भी बढ़ाता है। इसके अलावा, भारत को कभी-कभी अपनी उदार प्रकृति के लिए महान पुरस्कार मिलते हैं, जैसे कि मध्य अफ्रीकी गणराज्य भारतीय कंपनियों को अपनी भूमि में कर – मुफ्त खनन करने के लिए पहुंच प्रदान करता है, इससे भविष्य में भारतीय उद्योगों को बहुत मदद मिलेगी।
जैसे कि रूस – यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया ने फिर से बटना होना शुरू कर दिया है, भारत ने हमेशा की तरह निष्पक्ष्ता के सिद्धांतों को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है, जिन्हें अफ्रीका में बहुत सराहा जाता है। इससे भविष्य में उनके साथ हमारे रक्षा संबंध बढ़ेंगे उदाहरण स्वरुप भारत की नौसेना को अफ्रीकी जल क्षेत्र में कई बंदरगाह मिलेंगे और भारतीय वायु सेना को वहां कई हवाई अड्डे मिलेंगे।
भारत – अफ्रीकी संबंध भविष्य में प्रगति के लिए भी काम करेंगे, हम पहले ही भारत को वन्य जीवित इकोसिस्टम सुधारने के लिए नामीबिया से चीतों को लेता देख चुके हैं।