बंधन बैंक : करोड़ों रुपये के हेरफेर में पूर्व मैनेजर सहित चार गिरफ्तार

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आगरा, रिपब्लिक समाचार, संवाददाता : बंधन बैंक में निष्क्रिय और फर्जी खातों में करोड़ों रुपये के लेनदेन का प्रकरण पुलिस ने पकड़ा है। इस प्रकरण में बैंक के पूर्व शाखा प्रबंधक, पूर्व सेल्स एक्जीक्यूटिव समेत चार आरोपियो को गिरफ्तार किया है। इन सभी लोगो को रविवार को जेल भेज दिया गया। खातों का प्रयाेग काले धन को सफेद करने के लिए किया गया । अब पुलिस इसकी छानबीन कर रही है। पुलिस ने बैंक के लगभग एक दर्जन से अधिक खातो को चिन्हित किया गया हैं। इन खातों से दो वर्ष के दौरान 10 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गकया है।

बंधन बैंक के एक दर्जन खाताें से किया गया लेनदेन

आगरा पुलिस ने बंधन बैंक के एक दर्जन से ज्यादा खाताें में दो वर्ष के दौरान 10 करोड़ का लेनदेन का खुलासा किया था। इस प्रकरण में पूर्व शाखा प्रबंधक समेत चार आरोपियो को जेल भेज दिया गया है। पुलिस के मुताबिक यह सारा लेनदेन निष्क्रिय और फर्जी कागजो से खोले गए खातों में किया गया था। पुलिस द्वारा चिन्हित किए गए खातों में कैश आने के बाद उसे दो चार दिन में निकाल लिया जाता था।

बल्केश्वर निवासी चिलर प्लांट के मालिक हरेंद्र सिंह के निष्क्रिय खाते में 1.90 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया था। उन्होंने अपना और पत्नी का बचत वर्ष 2021 में बंधन बैंक से लोन लेने के लिए खुलवाया था। शाखा प्रबंधक को अपने सारे कागज जमा कर दिया था । खाता खुलने के बाद उनका लोन स्वीकृत नहीं हुआ था। अप्रैल 2021 में किसी मुबीन निवासी बिल्लोचपुरा ताजगंज द्वारा हरेंद्र सिंह को नोटिस दिया गया। इससे हरेंद्र सिंह को अपने खाते से बड़ी रकम निकासी का पता चला।
बैंक में जब पता किया तो पता चला पूर्व प्रबंधक प्रशांत पाल को निलंबित किया जा चुका है। इस बीच हरेंद्र सिंह को इसी तरह के दूसरे खाता धारकों के साथ भी इसी तरह के लेनदेन की जानकारी हुई। जिसके बाद मामले की शिकायत हरेंद्र सिंह ने पुलिस से शिकायत की।

कारोबारी पर पुलिस को शक

पुलिस को आशंका है कि बंद पड़े खातों में करोड़ों रूपये के लेनदेन का खेल वर्षो से चल रहा था । इस सबके पीछे एक बड़े व्यापारी पर शक है। उसने अपनी जो लिमिट दिखाई है, उससे अधिक का माल आता है। निस्चित समय तक बेचे गए माल का भुगतान कंपनी के खातों में आता है। चोरी से बेचे गए माल का भुगतान निष्क्रिय पड़े खातों में ले लिया जाता है।

व्यापारी को अपने कार्य के लिए रोजना लाखों रुपये की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए कंपनी के खातों से रोजाना इतनी बड़ी रकम की निकासी होने के कारण वह आयकर विभाग की नजरों में आ सकता है। पुलिस का ऐसा अनुमान है कि इसी के चलते निष्क्रिय व फर्जी खातों से लेनदेन किया जा रहा था।

धनराशि भेजने वालों के होंगे बयान

दिल्ली ,मुंबई ,कलकत्ता आदि से जो लोग खातों में धनराशि भेजते थे, पुलिस उनके भी बयान रिकार्ड करेगी। ऐसा आशंका है कि इससे ये पता चल सकेगा कि यह धनराशि किस कार्य के लिए भेजी गई थी। निष्क्रिय खातों के नंबर उन्हें किसने दिया था।जांच में सहयोग नहीं करने पर पुलिस उन्हें भी आरोपी बना सकती है।

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