नई दिल्ली, एनएआइ : भारत विश्व का मिसाइल टेक्नोलाजिकल हाउस है, भारत के पास हर तरह की मिसाइले हैं। ये मिसाइले देश की रक्षा करने में पूर्ण तरीके से सक्षम हैं। ये देश की ताकत क्षमता को बढ़ाती हैं। यह बात रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व प्रमुख जी सतीश रेड्डी ने विशेष इंटरव्यू में कही है। वर्तमान समय में जी सतीश रेड्डी रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार हैं।
भारतीय सेना की बढ़ रही ताकत
रेड्डी ने कहा कि अत्याधुनिक मिसाइलों के विकास और निर्माण के क्षेत्र में भारत अब आत्मनिर्भर हो चुका है। अत्याधुनिक मिसाइलों के विकास के प्रकरण में भारत दुनिया के चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है । भारत हर तरह की मिसाइल बनाने में सक्षम है।
भारत अब लंबी दूरी तक सटीक मार करने वाली अत्याधुनिक मिसाइलें बनाने में माहिर है। सभी तरह की मिसाइलें सेना, वायुसेना और नौसेना के लिए बनाई जा रही हैं। हवा से हवा में मार करने वाली अस्त्र मिसाइले एक प्रकार की अद्भुत मिसाइले है। इस तरह से सतह से सतह पर मार करने वाली तरह -तरह की क्षमताओं वाली मिसाइलें भारत के पास हैं। हमारे पास क्रूज मिसाइलें भी बनाई गई हैं।
ये सभी प्रकार की मिसाइलें देश की सुरक्षा को मजबूत बनाती हैं। रेड्डी ने कहा, मिसाइलों के विकास के क्षेत्र में भारत दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल है। मिसाइल से अंतरिक्ष में घूम रहे सेटेलाइट को निशाना बनाने का परीक्षण भी भारत कर चुका है। इस तरह की क्षमता वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है। इस तरह की क्षमता पहले रूस, अमेरिका और चीन के पास ही थी।