लखनऊ,संवाददाता : एडवोकेट के ड्रेस में आए हत्यारो ने पश्चिमी यूपी के कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की बुधवार को लखनऊ सिविल कोर्ट के परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्यारो ने कोर्ट के गेट पर ही संजीव पर अंधाधुंध फायारिंग कर दिया । इस हमले में एक बच्ची व एक पुलिस के जवान को भी गोली लगने से घायल हो गया है। दोनों लोगो को सिविल अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
पत्नी ने जताई थी हत्या की आशंका
संजीव पर वर्ष 2017 में व्यापारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी हत्याकांड में भी इनका नाम आया था, इसमें जांच के बाद अदालत नेसंजीव समेत चार आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुना दिया था । इसके बाद से संजीव लखनऊ की जेल में बंद था। वर्ष 2021 में संजीव की पत्नी पायल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर कहा था कि उन के पति संजीव की जिंदगी को खतरा है।
28 वर्ष पहले जीवा ने अपराध की दुनिया में रखा था कदम
संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा वर्ष 1995 से गंभीर घटनाओं को अंजाम देता रहा है। संजीव जीवा इंटरस्टेट गैंग का लीडर था। संजीव (जीवा ) खिलाफ हत्या, लूट, रंगदारी,डकैती, गैंगस्टर,अपहरण, जैसी गंभीर धाराओं में दो दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। कलकत्ता के एक व्यापारी के बेटे का अपहरण कर दो करोड़ की फिरौती मांगने से लेकर पूर्वांचल के कृष्णानंद राय हत्याकांड और विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में भी नाम जुड़ चुका है।
लखनऊ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था संजीव
मुजफ्फरनगर निवासी संजीव माहेश्वरी और उर्फ जीवा लखनऊ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। जीवा को 1997 में हुए भाजपा नेता ब्रहमदत्त द्विवेदी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। उस पर कृष्णानंद राय हत्याकांड का भी आरोप लगा था। लेकिन इस प्रकरण में जीवा बरी हो गया था।
जीवा पर जेल से ही गैंग संचालित करने और अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप लगा था। गत कुछ वर्षों सें संजीव( जीवा )पत्नी को राजनीत में स्थापित कराने के प्रयास में जुटा था। संजीव की पत्नी पायल माहेश्वरी ने रालोद के टिकट पर 2017 में सदर सीट से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी थी।