Republic Samachar- Samarth Singh II बरसात की बूंदे जैसे जैसे गिरती रहीं किसानों की उम्मीदें भी उसी के साथ डूबती रहीं।
बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं के कारण कई राज्यों में अनाज के खेत तबाह हो गए और कटी हुए फसल बर्बाद हो गयी। मौसम विभाग ने झारखंड, बिहार, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के किसानों को फसल कटाई टालने की सलाह दी है।
लखनऊ में बरसात का कहर
बारिश ने गोसाईगंज और बख्शी का तालाब के खेत क्षेत्रों में रबी की फसलों को नुकसान हुआ।
मलिहाबाद में ओलावृष्टि से आम की फसल प्रभावित हुई और किसानों को बड़ा वित्तीय नुकसान हुआ।
भारत के अन्य राज्यों में भी बरसात ने बढ़ाई मुसीबत
मध्य प्रदेश, असम और महाराष्ट्र में भी बारिश और ओले गिरने से फसलों को काफी नुकसान पहुँचा है,
इन राज्यों में आम, दाल, गेहुँ, केले और संतरे की फसले छतिग्रस्त हुई हैं।
हताश होकर किसान ने करी आत्महत्या
राजस्थान के बूंदी में 60 साल के किसान पृथ्वीराज बैरवा ने कीटनाशक खरीदने के लिए 7 लाख रुपये का कर्ज लिया था. उन्होंने इस साल की फसल की आय के साथ इसे चुकाने की उम्मीद की, लेकिन जब उन्होंने अपनी फसलों को नुकसान देखा तो उन्होंने आत्महत्या कर ली।
कोटा, बूंदी और झालावाड़ जिलों के कुछ हिस्सों में पिछले तीन दिनों में बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं, चना और धनिया और अन्य फसलों को काफी नुकसान हुआ है।
किसानों की मदद के लिए सामने आई सरकार
भारत के विभिन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने प्रभावित किसानों को मुआफज़ा देने का वादा किया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह किसानों की फसल के नुकसान पर एक सर्वेक्षण करें और किसानों को तत्काल मुआवजा प्रदान करें। बारिश और ओलावृष्टि को देखते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राहत कार्य पूरे जोर-शोर से चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की है कि पीड़ित परिवारों को 4 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फसल नुकसान का आकलन करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की और किसानों को आश्वासन दिया है कि उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण 25 मार्च तक पूरा हो जाएगा, जिसके बाद किसानों के बीच मुआवजा वितरित किया जाएगा।