रुद्राक्ष से कैंसर के उपचार में जगी आशा की किरण, शोध में मिली सफलता

MEERUT-NEWS (8)

मेरठ, संवाददाता : डॉ. शिवा शर्मा, डॉ. मनीषा शर्मा और शोधार्थी मिलिन सागर और प्रशांत पांडेय ने रुद्राक्ष पर शोध किया है। शोध में रुद्राक्ष का कैंसर के उपचार में प्रयोग को लेकर काफी सकारात्मक परिणाम आए हैं। रुद्राक्ष कैंसर के उपचार में भी सहायक बनेगा। इसके लिए चूहों पर किए गए ट्रायल में सफलता भी मिल चुकी है। इंसानों पर ट्रायल के लिए शोभित विवि के रिसर्चर की बीएचयू के साथ अनुबंध की तैयारी है।

रिसर्चर का दावा है रुद्राक्ष में इलेक्ट्रो मैग्नेटिक एनर्जी के साथ फाइटो कैमिकल्स (एल्केलॉइड, फिनोलिक व फ्लेवेनोइड्स) भी हैं। फाइटो कैमिकल्स का असर कीमोथैरेपी (सिस्प्लैटिन) की तरह होता है। कीमोथैरेपी के कई साइड इफेक्ट होते हैं, लेकिन रुद्राक्ष के फाइटो कैमिकल्स का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता हैं। शोभित विवि के डॉ. शिवा शर्मा, डॉ. मनीषा शर्मा और शोधार्थी मिलिन सागर और प्रशांत पांडेय ने रुद्राक्ष पर शोध किया है। शोध में रुद्राक्ष का कैंसर के उपचार में प्रयोग को लेकर काफी सकारात्मक परिणाम आए हैं।

डॉ. शिवा शर्मा ने बताया कि रुद्राक्ष न सिर्फ धारण करने पर बल्कि दवा के रूप में भी उम्मीद से ज्यादा लाभकारी है। 26 तथ्यों से युक्त रुद्राक्ष की इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड इंसान की बायो इलेक्ट्रोसिटी के संपर्क में आने से हीलींग थेरेपी का काम करती है। इससे रक्तचाप, तनाव आदि से राहत मिलती हैं। इसमें कई लाभकारी फाइटो कैमिकल्स भी हैं। एक्लेलॉइड, फिनोलिक व फ्लेवेनोइड्स फाइटो कैमिकल्स का अतुलनीय संतुलन हैं। यह कैंसर के रोगी के लिए रामबाण हैं। रुद्राक्ष के फाइटो कैमिकल्स की क्षमता और प्रभाव कीमोथैरेपी (सिस्प्लैटिन) जैसा हैं। कीमोथैरेपी कराने से बाल झड़ना, भूख-प्यास न लगना। बेचैनी, घबराहट जैसे कई साइड इफेक्ट होते हैं। रुद्राक्ष के फाइटो कैमिकल्स से कोई साइट इफेक्ट नहीं होता है।

10 चूहों पर परीक्षण हुआ सफल

रुद्राक्ष के फाइटो कैमिकल्स का परीक्षण कैंसर पीड़ित चूहों पर किया गया है। डॉ. शिवा ने बताया कैंसर से गंभीर पीड़ित चूहों को दिन में तीन बार फाइटो कैमिकल्स से बनी दवा की डोज दी गई। 15-15 दिन में उनके स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया। इस दौरान चूहों की भूख-प्यास कतई प्रभावित नहीं हुई। लीवर, किडनी के अलावा हाजमा भी सही रहा। कुछ समय बाद जब परीक्षण किया तो परिणाम हैरान करने वाला निकला, अधिकांश चूहों को कैंसर से मुक्ति मिल गई।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस ने भी सराहा
बंगलौर में हुई इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) की सेमिनार में रुद्राक्ष से बनी दवा के शोध को काफी सराहा गया है। सेमिनार में प्रशांत पांडेय ने अपना प्रजेंटेशन देते हुए बताया कि रुद्रांक्ष से बनी दवा का कैंसर पीड़ित चूहों पर काफी अच्छा रिजल्ट आया है, तो उसे बेस्ट रिसर्च बताया गया।

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