न्यूयार्क,एएफपी : संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता के मुताबिक तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के मिशन के गैर सरकारी संगठनों के लिए कार्य करने वाली महिलाओं पर पूर्णत्या प्रतिबंध लगा दिया गया है। अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) ने प्रथम दिन ही बोले थे कि संयुक्त राष्ट्र की महिला कर्मचारियों को पूर्वी नांगरहार राज्य में कार्य करने से रोकने का आदेश दिया गया था।
प्रतिबंध अस्वीकार्य – दुजारिक
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफ़न दुजारिक ने पत्रकारों से कहा, “यूएनएएमए को वास्तव में अधिकारियों द्वारा संयुक्त राष्ट्र की महिला राष्ट्रीय कर्मचारियों के कार्य करने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश मिला है।” यह पूरे देश में लागू होता है।” संयुक्त राष्ट्र को अब तक सभी विदेशी और घरेलू एनजीओ को संकटग्रस्त राष्ट्र में कार्य करने वाली महिला सहकर्मियों को रोकने के लिए दिसंबर में तालिबान के आदेश से छूट प्राप्त थी।
दुजारिक ने कहा कि अभी तक कोई लिखित आदेश नहीं मिला है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र को तालिबान के साथ बुधवार को काबुल में बैठक होनी थी। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस के लिए, दुजारिक ने बोले “इस तरह के प्रतिबंध हमें स्वीकार्य नहीं है।
उन्होंने कहा, “यह एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति है जो सहायता संगठनों की क्षमता को सबसे ज्यादा गरीब लोगो तक पहुंचाने की क्षमता को कम कर रहा है।” पिछले वर्ष प्रतिबंध की घोषणा के बाद, कई एनजीओ ने विरोध में अपने पूरे अभियान को बंद कर दिया था , जिस के कारण अफगानिस्तान के 38 मिलियन नागरिकों पर और अधिक मुसीबत बढ़ गयी , जिनमें से आधी आबादी सहायता एजेंसियों के मुताबिक भूख से सामना कर रहे हैं।
पिछले माह , जबकि, UNAMA प्रमुख रोजा ओटुनबायेवा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा था उन्हें डर था कि तालिबान सरकार गैर सरकारी संगठनों के लिए कार्य करने वाली महिलाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था । इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र की महिला कर्मचारियों तक प्रतिबंध बढ़ा सकती है।