वाशिंगटन, एजेंसी : रूस और चीन ने गाजा पट्टी में इजरायल और फलिस्तीनी आतंकवादियों हमास के बीच युद्ध पर अमेरिका द्वारा तैयार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर बुधवार को वीटो कर दिया। मसौदे का उद्देश्य गाजा में बिगड़ते मानवीय संकट को संबोधित करना था, जिसमें सहायता पहुंच की अनुमति देने के लिए हिंसा को रोकने का आह्वान किया गया था।
संयुक्त अरब अमीरात ने भी नहीं में मतदान किया, जबकि 10 सदस्यों ने पक्ष में मतदान किया और दो अनुपस्थित रहे। संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा, “यदि यह अन्य प्रस्ताव वास्तव में मानवीय स्थिति पर केंद्रित है, जैसा कि इसे प्रस्तुत किया गया था। हमास द्वारा रखे गए 220 से अधिक बंधकों को अंत में एक सामान्य प्रस्ताव की हस्ताक्षरित नोट नहीं बनाया जाएगा। यह पहली मांग होगी।
उन्होंने कहा, “हमास द्वारा बंधक बनाए गए बंधकों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सर्वोच्च मानवीय प्राथमिकता होनी चाहिए। उनकी भलाई उन आतंकवादियों के समर्थकों की सहायता करने से पहले होनी चाहिए जिन्होंने उनका अपहरण किया था।”
इजरायल के राजदूत ने कहा, “रूसी शब्दों के बावजूद संकल्प, हमास के बर्बर लोगों और इजराइल के कानून का पालन करने वाले लोकतंत्र के बीच कभी भी कोई गलत, अनैतिक तुलना नहीं हो सकती है। इजराइल पूरी तरह से बुराई से लड़ रहा है, और यह बात इस कमरे में मौजूद हर व्यक्ति को बिल्कुल स्पष्ट होनी चाहिए। हमास ने सबसे बर्बर नरसंहार किया है। नरसंहार के बाद से गाजा में फलिस्तीनी स्थिति के लिए हमास पूरी तरह जिम्मेदार है। हमास मानवता के खिलाफ अपराध कर रहा है।”