नई दिल्ली,ब्यूरो : वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. कर्ण सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। इस दौरान विक्रमादित्य ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप भी लगाया है। जम्मू-कश्मीर के रहे अंतिम महाराजा हरि सिंह के पौत्र और वरिष्ठ नेता डॉ. कर्ण सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने मंगलवार को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों की भावनाओं और आकांक्षाओं को महसूस करके उनका उचित नेतृत्व करने में विफल रही है। कांग्रेस में शामिल होने से पूर्व विक्रमादित्य महबूबा मुफ़्ती की पार्टी में सक्रिय रहे और जम्मू-कश्मीर विधान परिषद के सदस्य बने।
कांग्रेस जमीनी हकीकत से अलग-विक्रमादित्य
विक्रमादित्य ने कहा कि कांग्रेस जमीनी हकीकत से अलग है। वह जम्मू-कश्मीर में ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर उभरते परिदृश्यों को बनाए रखने के लिए आवश्यक संगठनात्मक और अन्य परिवर्तन करने में असमर्थ रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में कांग्रेस में शामिल बोने के बाद मैने कई मुद्दों और घटनाओं के समर्थन में खुलकर अपने विचार व्यक्त किए हैं, जो कांग्रेस पार्टी के रुख से मेल नहीं खाते हैं। इसमें पीओजेके में बालाकोट हवाई हमला, जम्मू कश्मीर में ग्राम रक्षा समितियों (वीडीसी) का पुन: सशक्तीकरण, अनुच्छेद 370 और 35 ए को निरस्त करने, लद्दाख यूटी का गठन, गुपकार गठबंधन की निंदा, जम्मू-कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया आदि का समर्थन करना शामिल है।
पूर्व एमएलसी ने कहा कि वह हमेशा जम्मू-कश्मीर के लोगों के हित में और विशेष रूप से राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए उनके साथ खड़े रहे हैं। भारत तेजी से विकसित होने वाला देश है। बदलती जनभावनाओं और आकांक्षाओं के अनुकूल काम करने की जरूरत है। इसके लिए पार्टी का उचित नेतृत्व और गतिशीलता जरूरी है। विक्रमादित्य ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र से 2019 में लोकसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी के टिकट पर लड़ा था। उन्हें 2015 में जम्मू-कश्मीर विधान परिषद का सदस्य भी नामित किया गया था।
साल 2017 में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विधान परिषद के सदस्य विक्रमादित्य सिंह ने पार्टी और एमएलसी पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। विक्रमादित्य के पीडीपी से इस्तीफे से जम्मू क्षेत्र में पीडीपी को जबरदस्त झटका लगा था। पीडीपी उस समय जम्मू संभाग में अपना जनाधार बढ़ाने में लगी हुई थी। विक्रमादित्य सिंह जम्मू संभाग को लेकर बेबाकी से अपनी बात रखते आए हैं।