REPUBLIC SAMACHAR || कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ने मंगलवार को अपनी बैठक में कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ब्याज दर बढ़ाकर राहत देने का निर्णय लिया।
श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय एवं केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता वाले केंद्रीय न्यासी बोर्ड यानी सीबीटी ने 2022-23 के लिए सदस्यों के ईपीएफ जमा पर वार्षिक 8. 15 प्रतिशत की दर से ब्याज देने का निर्णय लिया है। बयान के मुताबिक यह ब्याज दर और 663.91 करोड़ रुपये का अधिशेष पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है।
ईपीएफओ पिछले कुछ वर्षों में न्यूनतम ऋण जोखिम के साथ विभिन्न आर्थिक चक्रों के माध्यम से अपने सदस्यों को उच्च आय वितरित करने में सक्षम रहा है। पांच करोड़ से अधिक अंशधारकों के साथ ईपीएफओ दुनिया की सबसे बड़ी समाजिक सुरक्षा योजनाओं में से एक है। विशेषज्ञों का कहना है कि निवेश के जोखिम को ध्यान में रखते हुए, ईपीएफओ की ब्याज दर उपलब्ध अन्य निवेश विकल्पों की तुलना में अधिक है।
सरकार से मंजूरी मिलने पर खाते में जाएगा पैसा
अब सीबीटी के निर्णय के बाद, 2022-23 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर की जानकारी वित्त मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए भेजी जाएगी। सरकार की मंजूरी मिलने के बाद 2022-23 के लिए ईपीएफ पर ब्याज ईपीएफओ अंशधारकों के खातों में डाल दिया जाएगा। कर्मचारी संगठन बैंक एफडी पर ऊंचे ब्याज के मद्देनजर ब्याज बढ़ाने की मांग कर रहे थे।
अंशधारकों के लिए ई पासबुक सुविधा शुरू
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को ईपीएफओ के अंशधारकों के लिए ई-पासबुक सुविधा शुरू की। ईपीएफओ ने बयान में कहा कि इसके साथ सदस्य विस्तार से अपने खातों का विवरण देख सकेंगे। श्रम मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ईपीएफओ ने इस साल जनवरी में 14.86 लाख अंशधारकों को जोड़ा।