नई दिल्ली,एनएआई : अमेरिका में आये दिन गोलीबारी की घटना देखने को मिलती रहती है। आज भी टेक्सास के क्लीवलैंड में गोलीबारी के कारण 5 लोगों की मृत्यु हो गई। बीते पांच दिनों में ही अमेरिका में इस कारण 10 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो चुकी है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर अमेरिका में इतनी गोलीबारी की घटनाये आये दिन क्यों होती रहती है और इस पर लगाम क्यों नहीं लग पा रही है । आइये जानते है इसके पीछे की मुख्य कारण।
गोलीबारी का मुख्य कारण
अमेरिकामें गोलीबारी का मुख्य कारण हर दूसरे घर में बंदूक का होना पाया जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक , अमेरिका में प्रति 100 व्यक्तियो में से 88 के पास बंदूक है।विगत हाल ही में अमेरिका में बंदूक रखने वालों में संख्या में और इजाफा देखने को मिला है। एक मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूएस में जनवरी 2019 से अप्रैल 2021 के बीच 75 लाख से ज्यादा लोगों ने पहली बार बंदूके खरीदी है।
गोलीबारी से अमेरिका में कितनी मौतें हईं ?
अमेरिका में 2017 तक की रिपोर्ट के मुताबिक , 15 लाख से ज्यादा लोगों की गोलीबारी में मृत्यु हो गई है। ये संख्या अमेरिका की वर्ष 1775 की आजादी की जंग में मरे लोगों की संख्या के बाद सबसे ज्यादा है। अकेले वर्ष 2020 में 45000 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है।
बंदूकों की खरीद पर रोक क्यों नहीं
सभी के दिमाग में यह सवाल उठता है कि आखिर अमेरिका में बंदूक रखने पर सरकार लगाम क्यों नहीं लगाती है। इसका मुख्य कारण इसको लेकर होने वाली राजनीति भी है, कहा जाता है कि बंदूकों के समर्थन में यूएस में बहुत बड़ी लॉबी काम करती है। बड़ी संख्या में आम लोग भी बंदूक रखने को अपना अधिकार मानते हैं और इसका समर्थन भी करते हैं।
चुनावों में बड़ा मुद्दा होने के चलते इसपर रोक लगाने का कदम कोई भी सरकार नहीं उठाना चाहती है। वहीं, अमेरिका में नेशनल राइफ़ल एसोसिएशन (एनआरए) भी बंदूक रखने का समर्थन करने वाली बड़ी लॉबी कही जाती है। इस एसोसिएशन के पास इतना धन है कि वो अकेले दम पर अमेरिकी चुनाव को प्रभावित कर सकती है।
हिंसक वीडियो गेम पर भी सवाल
अमेरिका के कई लोगों का कहना है कि देश में गोलीबारी होने का एक कारण हिंसा वाले वीडियो गेम है। इसको लेकर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी एक बार बयान दिया था कि अमेरिका में गोलीबारी पर रोक लगानी होगी , तो इसका महिमामंडन करने वाली वीडियो गेम को बैन करना होगा।
अमेरिका में गोलीबारी के कई दोषियों का कहना है कि वे हिंसक वीडियो गेम के आदी थे और 15 घंटों तक इसे खेला करते थे। वर्ष 2012 में अमेरिका के एक स्कूल में हमला कर 26 बच्चों और कर्मचारियों को मारने वाले अदम लांजा ने भी वीडियो गेम खेलने के आदी होने की बात स्वीकारी किया था, लेकिन , विशेषज्ञों का कहना है कि गोलीबारी के पीछे की वजह ये कभी नहीं हो सकती।